अरविंद केजरीवाल की ‘गुगली’ में फंस जाएंगे राहुल गांधी? दिल्ली के मुख्यमंत्री ने रखी यह मांग

नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सर्विसेज पर कंट्रोल को लेकर केंद्र की तरफ से जारी अध्यादेश का विरोध करने के लिए विपक्ष का समर्थन जुटाने में लगे हुए हैं। इस क्रम में अब केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के नेता राहुल गांधी से मुलाकात का समय मांगा है। ऐसे में अब सबकी नजरें कांग्रेस के रुख पर टिकी हुई है। आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने सेवाओं के नियंत्रण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरुद्ध बता रही है। केजरीवाल चाहते हैं कि भाजपा सरकार के अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक अध्यादेश के खिलाफ संसद में कांग्रेस का समर्थन मिल जाए। ऐसे में देखना है कि केजरीवाल की ‘विपक्षी एकजुटता की गुगली’ का कांग्रेस क्या और कैसे तोड़ निकालती है।

AAP से अलग रहा है रुख

आम आदमी पार्टी के लेकर कांग्रेस का रुख अभी तक अलग ही रहा है। आम आदमी पार्टी ने ही कांग्रेस को दिल्ली की सत्ता से बाहर किया था। ऐसे में दिल्ली में कांग्रेस, आदमी पार्टी की हर मुद्दे पर पूरी तरह से मुखालफत करती रही है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस का पूरा वोट बैंक ही अपने पाले में कर लिया है। ऐसे में कांग्रेस उस दल का समर्थन क्यों करेगी जिसने राजधानी में उसका सूपड़ा साफ कर दिया। अगर पार्टी विपक्षी एकता के नाम पर केजरीवाल का समर्थन करती हैं तो दिल्ली में वह किस आधार पर लोकसभा में सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।

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राज्यसभा में अध्यादेश को रोकने की कवायद

केजरीवाल विभिन्न गैर-भाजपा शासित राज्यों का दौरा कर रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं ताकि राज्यसभा में अध्यादेश के लिए विधेयक लाए जाने पर इसे विफल करने के लिए उनका समर्थन हासिल किया जा सके। केन्द्र सरकार ने 19 मई को ‘दानिक्स’ कैडर के ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए ‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण’ गठित करने के उद्देश्य से एक अध्यादेश जारी किया था। ऐसे में राज्य सभा में अध्यादेश को मंजूरी से रोकने की कवायद में दिल्ली के सीएम जुटे हुए हैं।

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ममता, शरद पवार, नीतीश से कर चुके हैं मुलाकात

इस क्रम में केजरीवाल अब तक टीएमसी की चीफ ममता बनर्जी, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव जैसे नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं।शरद पवार की पार्टी ने केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ाई में आम आदमी पार्टी को पूर्ण समर्थन देने का वादा किया। पवार कह चुके हैं कि लोकतंत्र पर भाजपा की ओर से हमला हो रहा है। हम सभी को एकजुट होकर इसकी रक्षा करनी चाहिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री का तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से भी मिलने का कार्यक्रम है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली सेवाओं पर नियंत्रण के मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और तृणमूल कांग्रेस समेत विभिन्न राजनीतिक दलों से समर्थन मांगा है।
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केजरीवाल ने ट्वीट कर दी थी जानकारी

केजरीवाल ने ट्वीट किया था कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे जी और राहुल गांधी जी से भाजपा सरकार के अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक अध्यादेश के खिलाफ संसद में कांग्रेस का समर्थन हासिल करने और संघीय ढांचे पर हमले तथा मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए मुलाकात का वक्त मांगा है। अध्यादेश जारी किये जाने से महज एक सप्ताह पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था।

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