इनकी हिम्मत कैसे हो गई… 45 दिन बाद जाग रहे, राहुल गांधी के घर दिल्ली पुलिस को देख बरस पड़े कांग्रेसी

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के घर पर दिल्ली पुलिस की टीम पहुंचने के बाद से माहौल गरमाया हुआ है। सुबह से घर के बाहर पुलिसबल और मीडिया का जमावड़ा है। दिल्ली पुलिस ‘महिलाओं के यौन उत्पीड़न’ के संबंध में राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर जारी नोटिस के सिलसिले में उनके घर पहुंची थी। विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा के नेतृत्व में पुलिस की टीम 12, तुगलक लेन पहुंची थी। स्पेशल सीपी डॉ. सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि आज वह तीसरी बार आए थे। हमने राहुल गांधी के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ समय चाहिए। जो जानकारी हमने मांगी है, वह हमें देंगे। पूरा मामला 30 जनवरी को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान श्रीनगर में राहुल गांधी के एक बयान से संबंधित है। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया पोस्ट का संज्ञान लेकर कुछ सवाल राहुल के पास भेजे थे और यौन उत्पीड़न की शिकार पीड़ित महिलाओं के बारे में जानकारी मांगी थी। दिल्ली पुलिस के इस ऐक्शन पर कांग्रेस ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमला बोला है। राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि बिना किसी नोटिस के दिल्ली पुलिस राहुल गांधी के घऱ पहुंच जाती है, यह दिखाता है कि उन्हें परेशान करने के लिए सरकार किस तरह का रवैया अपना रही है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को पता होना चाहिए वह ‘अडानी घोटाले’ पर जवाब मांगने से हमें डरा नहीं सकते हैं। सोशल मीडिया पर सुबह से कांग्रेस समर्थक सरकार पर बरस रहे हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज जो घटना हुई है, वह मामूली नहीं है। गहलोत ने कहा, ‘इनकी हिम्मत कैसे हो गई… जो राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं उनके यहां जाने की। वह नोटिस का जवाब देने जा रहे हैं, उसके बावजूद आप उनके घर में घुस जाओ। ये पूरा देश देख रहा है। इनको माफ नहीं करेगा।’दोपहर करीब डेढ़ बजे कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने घर से खुद गाड़ी चलाते हुए निकले। मीडिया ने उनसे सवाल पूछने की कोशिश की लेकिन वह नहीं रुके। दरअसल, कांग्रेस पार्टी समेत पूरा विपक्ष सरकार से अडानी के मुद्दे पर बहस की मांग कर रहा है। इसके चलते बजट सत्र के दूसरे चरण में संसद नहीं चल सकी है। कांग्रेस के नेताओं ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर हमला बोला। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 16 तारीख को सुबह राहुल गांधी जी को एक नोटिस दिया गया। उस नोटिस में दो पन्ने में प्रश्न थे। वे प्रश्न कई ऐसे मुद्दे उठा रहे थे कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी से मिले लाखों लोगों में से कुछ पीड़ितों को लेकर थे। राहुल जी ने कहा था कि कई महिलाएं जो मिलती हैं वे डोमेस्टिक वाइलेंस (घरेलू हिंसा) की बात करती हैं, बलात्कार की बात करती हैं और परिवार में उत्पीड़न की बात करती हैं। इस विषय में प्रश्नावली में नाम, क्या हुआ, रहने की जगह आदि पूछा गया था। आज सुबह दिल्ली पुलिस की टीम आए, वही प्रश्न पूछने आए। हमने उनसे कहा कि यह एक विचित्र पहलू है। नया आयाम बनाया गया है उत्पीड़न का, प्रतिशोध की राजनीति का, धमकाने और धमकी की राजनीति का। 4000 किमी की यात्रा, 12 प्रदेशों, 2 केंद्रशासित प्रदेशों में लाखों-करोड़ों लोगों से राहुल गांधी 140 दिन तक मिले। उसके विषय में 2-3 दिन में दो बार आना और प्रश्न पूछना… ये अगर राजनीतिक प्रतिशोध नहीं तो क्या है। सिंघवी ने कहा कि जब कोई नेता अभियान करते हैं, तो लाखों लोग आते हैं, कई की भावनाएं और बातें होती हैं तो साथ चल रहे लोगों को ध्यान देने के लिए कहा जाता है। कोई भी लीडर यात्रा रोककर विशेष शिकायत पर ऐक्शन नहीं लेता है और न ऐसा संभव है। जिस बयान का संज्ञान लिया गया है, वह 30 जनवरी के श्रीनगर में कहा गया था। दिल्ली पुलिस अब 45 दिन बाद जगी है। तीन दिन में दो बार पहुंच गई, अब बहुत जल्दी है। अचानक इतनी अलर्टनेस कहां से मिल गई। क्या राहुल गांधी के सरकार से सवाल पूछने के कारण दिल्ली पुलिस इतनी फुर्ती दिखा रही है।सिंघवी ने कहा कि हम सभी तथ्यों को सामने रखकर विस्तृत जवाब देंगे लेकिन राजनीति का स्तर गिरा दिया गया है। पूरा देश देख रहा है, असहिष्णुता की चरम सीमा हो गई है।

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