पैसेवालों से ज्यादा गरीब दुनिया में नहीं होते
दिल से तो गरीब ही हैं
आप के पास पैसे की कोई कमी नहीं। लाखों रुपये की मंहगी गाड़ियों में चलते हैं। फिर अपना स्तर इतना क्यों गिरा लेते हैं आप लोग। इसके पीछे आखिर क्या सोच है। क्यों अपने आप को इस हद तक गिरा लेते हैं। आखिर गमलों की कीमत आप लोगों की इज्जत से बढ़कर है क्या। अगर ऐसा है तो आप किस वजह से अमीर हैं। ऐसी अमीरी किस काम की है जो एक गमला भी ना खरीद सके। ऐसा कर आप दुनिया के सामने किस तरह की मिसाल रख रहे हैं। गमला चुराने जैसे ओछी हरकत को किस तरह से आप जस्टिफाई करेंगे। आप इस हद तक गिर जाते हैं। ऐसे में आप अपने बच्चों से, परिवार वालों से कैसे आंखें मिला पाते होंगे। जिस मोहल्ले में आप रहते हैं वहां को लोगों आपने पड़ोसियों से कैसे नजर मिलाएंगे।
फ्री के लिए किसी भी हद तक गिर जाओगे
मुफ्त की चीज के लिए तो लोग भीड़ का हिस्सा तक बनने से गुरेज नहीं करते। इतने पैसे के बाद भी जो लोग गमला और पौधे तक नहीं छोड़ रहे हैं, उन्हें क्या कहेंगे। ये लोग भी उसी भीड़ का हिस्सा हैं जो मुफ्त की चीजों के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं। ऐसा लगता है कि इन लोगों को चोरी करने में ही इतना सुकून मिलता हो कि ये और कुछ सोच ही ना पाते हों। इन्हें कोई फर्क ही नहीं पड़ता कि कोई क्या कहेगा। या फिर ये लोग छोटी चीजों को चुराने को चोरी ही ना मानते हों। उन्हें ये बिल्कुल सामान्य घटना ही लगती होगी।
देश की इज्जत का तो ख्याल करते
गमले और पौधे चुराने वालों अगर तुम्हें अपनी इज्जत का ख्याल नहीं है तो कोई बात नहीं। कम से कम देश की इज्जत का तो ख्याल करते। जी-20 जैसा आयोजन देश में हो रहा है। सरकार इन आयोजनों के प्रचार-प्रसार पर लाखों रुपये खर्च कर रही है। इन घटनाओं से एक बात तो साफ है कि आप लोगों को अपनी इज्जत का ख्याल तो बिल्कुल ही नहीं है। इस तरह की ओछी हरकत कर क्यों देश की इज्जत खराब कर रहे हो। तुम्हारे वायरल वीडियो और खबरें जब सोशल मीडिया पर सर्कुलेट होती है तो देश की कितनी बदनामी होती है। जी-20 की अध्यक्षता कर रहे भारत में महंगी गाड़ी वाले ऐसे गमलाचोर भी हैं।