हत्यारों को क्यों नहीं खोज पा रही पुलिस?
उमेश पाल के हत्यारों को आखिर यूपी पुलिस क्यों नहीं खोज पा रही है। वह भी उस मामले में जिसको लेकर खुद सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी विधानसभा में हुंकार भर चुके होंगे। माफिया के मिट्टी में मिलाने की बात कर रहे हों। जो मामला यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यभार संभालने के बाद कानून के राज के इकबाल पर सवाल खड़ा कर रहा है, उस मामले में आखिर यूपी पुलिस का खुफिया तंत्र इतना निर्बल क्यों दिख रहा है? ये सारे सवाल गंभीरता से उठने लगे हैं। उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी माफिया डॉन अतीक अहमद के तीसरे बेटे असद अहमद तक पहुंच पाना यूपी पुलिस के लिए चुनौती बन गई है।
लखनऊ, नोएडा, प्रयागराज, कौशांबी, बहराइच, मिर्जापुर से लेकर, मध्य प्रदेश और हरियाणा तक छापे मारे गए हैं, लेकिन पुलिस को उसकी भनक भी नहीं मिल पाई। अपराधियों की प्लानिंग के आगे पुलिस की रणनीति विफल साबित हुई है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार जल्द अपराधियों की गिरफ्तारी का दावा कर रहे हैं। लेकिन, वह जल्दी वाला समय कब आएगा, सवाल इस पर उठने लगा है।
नेपाल से एक गिरफ्तारी
नेपाल के कपिलवस्तु जिले से उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी असद अहमद के सहयोगी कयूम अंसारी की गिरफ्तारी का मामला आया है। ऐसे में असद के भी नेपाल में छिपे होने की बात कही जा रही है। प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या की घटना को अंजाम दिए जाने के बाद असद अपने साथियों के साथ वहां से निकला था। इस मामले में दावा किया जा रहा है कि हत्यारे छोटी गाड़ियों से शहर से बाहर निकले। हत्या की घटना को अंजाम देने के लिए अपराधी क्रेटा कार से पहुंचे थे। असद के बहराइच में एक कारोबारी के यहां भी छुपने का मामला सामने आया है। एसटीएफ की ओर से कार्रवाई की जा रही है।
शाइस्ता परवीन भी हो गई हैं गायब
माफिया डॉन अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पर उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रचने का आरोप लगा है। हत्याकांड के बाद हत्यारों के साथ नजर आई शाइस्ता भी गायब हो गई हैं। उन पर भी पुलिस ने इनाम जारी किया है। वहीं, घटना के बाद से बमबाज गुड्डू मुस्लिम से लेकर मो. गुलाम तक गायब हैं। पुलिस को अब तक इन आरोपियों के लोकेशन के संबंध में स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। हत्याकांड के तीन सप्ताह बाद भी पुलिस के खाली हाथ कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर रहे हैं। सीएम योगी के विधानसभा में उमेश पाल के हत्यारों और माफियाओं को मिट्टी में मिला देने का दावा घटना के 30 दिन बाद भी पूरा होता नहीं दिख रहा है।
बुलडोजर एक्शन थमने पर भी सवाल
उमेश पाल की हत्या के बाद पहले सप्ताह में शुरू हुआ बुलडोजर एक्शन भी तीन से चार दिनों तक चलने के बाद खत्म हो गया। इस पर सवाल उठ रहे हैं। अतीक अहमद की घटना के बाद लखनऊ में एक सफेदपोश से बातचीत का कॉल डिटेल एसटीएफ के पास पहुंचने की बात भी सामने आई है। माना जा रहा है कि सफेदपोश की ओर से प्रयागराज हत्याकांड मामले में अतीक के करीबियों पर चल रहे बुलडोजर के पहिए को थाम दिया है। उमेश पाल के नामजद हत्यारों में किसी के यहां पर इस प्रकार की कार्रवाई नहीं हो पाई। केवल अतीक के उन सहयोगियों पर कार्रवाई हुई, जिन पर पहले से ही कार्रवाई चल रही थी।
अतीक को प्रयागराज लाने की तैयारी, एनकाउंटर का डर
गुजरात के साबरमती जेल में बंद माफिया डॉन अतीक अहमद को प्रयागराज लाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए यूपी पुलिस की ओर से कार्रवाई की जा रही है। माफिया डॉन एनकाउंटर के खतरे को लेकर सशंकित दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा की गुहार लगाई है। वहीं, बरेली जेल में बंद अतीक के भाई अरशद ने भी इसी प्रकार की आशंका जताई है। अतीक के परिजनों की ओर से प्रयागराज हत्याकांड में गैंग की संलिप्तता न होने की दावेदारी की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज तक को झुठलाया जा रहा है। इन तमाम कार्रवाई के बीच उमेश पाल के हत्यारे 21 दिन बाद भी किस बिल में छुपे हैं? यह सवाल बना हुआ है।