केजरीवाल के बंगले का फ्लोर मैनेजमेंट कैसे होता है? Operation SheeshMahal के तीसरे पार्ट में देखिए
ऑपरेशन शीशमहल सीएम आवास पर खर्च हुए 45 करोड़ रुपये से जुड़ा है। यह ऑपरेशन हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ नवभारत ने किया है। इसमें सीएम आवास के रेनोवेशन पर अनाप-शनाप खर्च का खुलासा किया गया है। इसके बाद से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दिल्ली में सत्तारूढ़ AAP सरकार पर हमलावर हो गई है।
AAP मंत्री आतिशी ने संभाला मोर्चा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ‘महल’ पर विवाद जारी है। इस मामले को दिल्ली में मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने लपक लिया है। एलजी वीके सक्सेना ने इस पर अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी। खर्च का ब्योरा भी देने को कहा था। इसके विरोध में रविवार को AAP मंत्री आतिशी मैदान में आ गईं। पीडब्ल्यूडी मंत्री ने एलजी वीके सक्सेना को इस बारे में चिट्ठी लिखी। इसमें आतिशी ने कहा कि दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र लिख सीएम आवास के रेनोवेशन का ब्योरा मांगना असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है। इस चिट्ठी में कहा गया है, ‘एलजी के पास सीधे कोई कार्यकारी आदेश देने का अधिकार नहीं है। वह सीधे किसी अधिकारी को आदेश देकर कानून को नहीं तोड़ सकते हैं।’

ऑपरेशन शीशमहल दिल्ली की AAP सरकार के लिए गले की फांस बन चुका है। बीजेपी ने कहा है कि बिना टेंडर के आवास पर 45 करोड़ का खर्च करना बड़ा भ्रष्टाचार है। सीएम आवास पर यह रकम कोरोना के दौर में खर्च की गई थी। ऑपरेशन में दावा किया गया है कि इस पैसे से सीएम आवास में लाखों के पर्दे, टॉयलेट सीट्स और करोड़ों के मार्बल लगाए गए। टैक्सपेयर्स का पैसा पानी की तरह बहाया गया।
आरोपों पर एलजी वीके सक्सेना ने किया पलटवार
अभी तक सीएम केजरीवाल ने इस पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है। न ही उन्होंने रेनोवेट हो चुके अपने आवास को अंदर से दिखाया है। इस बारे में पार्टी ने एक पुराना वीडियो जारी करके सिर्फ यही कहा था कि सीएम आवास में बहुत ज्यादा सीलन थी। लेकिन, इस बात का जवाब नहीं दिया गया कि इसके लिए करोड़ों के मार्बल और लाखों के पर्दे की क्या जरूरत थी। खुद केजरीवाल कुछ साल पहले तक कहते थे कि उनके लिए 4-5 कमरों का घर काफी है।
इस बीच वीके सक्सेना ने एलजी हाउस के रेनोवेशन पर 15 करोड़ रुपये खर्च होने के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। इसे लेकर उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) पर तीखा पलटवार किया है। एलजी ने कहा है कि राजनिवास सभी के लिए खुला है। कोई भी आकर देख सकता है कि असलियत क्या है।