खुदाई में मिला 25 सौ साल पुराना टॉयलेट, अंदर भरी मिली सड़ी हुई पॉटी, रईस परिवार करता था इस्तेमाल

भारत में कुछ सालों पहले स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई. इसके तहत कई टॉयलेट्स बनाए गए. पहले के समय में तो घरों में टॉयलेट बनाया ही नहीं जाता था. सभी फ्रेश होने के लिए बाहर जाते थे. चाहे मर्द हो या औरत, खेतों में ही बाथरूम करने के लिए जाना पड़ता था. इसके बाद धीरे-धीरे जब लोग शहरों में बसने लगे तब खुले में शौच कम देखने के लिए मिलने लगा. लेकिन इसके बावजूद कुछ ऐसे लोग हैं जो आज भी शर में रेल की पटरी पर आपको नजर आ जाएंगे.

पुराने लोगों का मानना है कि घर में टॉयलेट बनाने से घर अशुद्ध हो जाता है. लेकिन लगता है कि इजराइल के लोगों की सोच भारतीयों से काफी आगे की थी. तभी तो वहां आज से पच्चीस सौ साल पहले भी टॉयलेट्स का इस्तेमाल किया जाता था. जी हां, उस समय भी घरों में बाथरूम हुआ करता था. ये हम यूं ही नहीं कह रहे. वहां चल रहे खुदाई के दौरान एक लाइमस्टोन स्लैब मिला है. इसमें एक छेद है जो आज के टॉयलेट से मिलता-जुलता है. बताया जा रहा है कि उस समय के सबसे अमीर परिवार का ये टॉयलेट हुआ करता था.


अंदर भरी है पॉटी
इस पच्चीस सौ पुरानी टॉयलेट सीट को एक्सपर्ट्स जांच के लिए ले गए हैं. इसके अंदर आज भी पॉटी के कुछ हिस्से फंसे मिले हैं. इसे साइंटिस्ट्स द्वारा जांच के लिए ले जाया गया है. ये टॉयलेट सीट जेरूसलेम में चल रही खुदाई के दौरान मिला. इसके अंदर एक छेद है जो इसे टॉयलेट सीट जैसा दिखा रहा है. कहा जा रहा है कि ये उस समय के सबसे धनी परिवार द्वारा इस्तेमाल किया जाता था.

खुदाई के दौरान मिला टॉयलेट सीट

पेट की बीमारी से ग्रसित था परिवार
इस टॉयलेट के अंदर से पॉटी के अंश भी मिले हैं. इनकी अब तक की जांच में सामने आया है कि परिवार के लोगों को पेट की बीमारी थी. उनके पेट में इन्फेक्शन था जिससे उसके स्टूल में बैक्टेरिया पैदा हो गए थे. इस परिवार में लोगों को डायरिया भी था. इस स्लैब में मर्दों के टॉयलेट करने के लिए भी अलग से छेद बनाया गया था. जिस टॉयलेट सीट की जाँच साइंटिस्ट कर रहे हैं, उसके अंदर कई बैक्टेरिया मिले हैं. अब इनकी भी जांच की जा रही है.

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