साथ ही स्कूल को दो लाख रुपये तक का जुर्माना भी देना पड़ेगा। यह विधेयक राज्य के शिक्षा मंत्री कुबेरभाई डिंडोर की ओर से पेश किया गया जिसे 182 सदस्यीय विधानसभा में आम राय से पारित कर दिया गया। विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी इसके प्रावधानों का समर्थन किया।
अगले अकैडमिक ईयर से बनेगी अतिरिक्त भाषा
विधेयक के दस्तावेज के मुताबिक जिन विद्यालयों में अभी गुजराती भाषा की पढ़ाई नहीं हो रही है, वे आगामी शैक्षणिक सत्र 2023-24 से गुजराती को एक अतिरिक्त भाषा के रूप में कक्षा एक से कक्षा आठ तक के पाठ्यक्रम में चरणबद्ध तरीके से शामिल करेंगे।
डिंडोर ने कहा, ‘हर विद्यालय को गुजराती को एक अतिरिक्त भाषा के रूप में पढ़ाने के लिए गुजरात सरकार की ओर से निर्धारित पाठ्यपुस्तकों का अनुसरण करना होगा। राज्य सरकार इस विधेयक के प्रावधानों को लागू कराने के लिए शिक्षा विभाग के एक उपनिदेशक स्तर के अधिकारी को सक्षम प्राधिकारी के रूप में नियुक्त करेगी।’