छत्तीसगढ़ः नवाचार के लिए सीएम भूपेश बघेल को डाक्टरेट की उपाधि, पेरिस की सोरबोन यूनिवर्सिटी ने दिया सम्मान

सीएम बघेल ने कहा कि ये उपाधि जरूर मुझे मिली है, लेकिन इसके पीछे योगदान मेरे परिवार वालों का है। जनप्रतिनिधियों का है अधिकारी-कर्मचारियों का है। यह सम्मान छत्तीसगढ़ के सभी मेहनतकश लोगों का सम्मान है।

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oi-Foziya Khan

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chhattisgarh

ग्रामीण
अर्थव्यवस्था
को
आगे
बढ़ाने
की
विशिष्ट
पहल
के
लिए
सोरबोन
यूनिवर्सिटी
आफ
पेरिस
ने
मुख्यमंत्री
भूपेश
बघेल
को
डाक्टरेट
की
उपाधि
से
सम्मानित
किया
है।
शनिवार
को
राजधानी
के
होटल
सयाजी
में
आयोजित
ग्लोबल
अवार्ड-2023
में
मुख्यमंत्री
भूपेश
बघेल
सहित
उनकी
धर्मपत्नी
मुक्तेश्वरी
बघेल
एवं
परिवार
के
अन्य
लोग
कार्यक्रम
में
शामिल
हुए।
कार्यक्रम
को
संबोधित
करते
हुए
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
प्रतिष्ठित
सोरबोन
यूनिर्विसिटी
ने
छत्तीसगढ़
शासन
के
विकास
कार्यक्रमों
को
सराहा
है
और
मुझे
आज
डाक्टरेट
की
मानद
उपाधि
से
नवाजा
है।
इसके
लिए
बहुत-बहुत
धन्यवाद।
जब
काम
करना
शुरू
किया
तो
बस
ये
चाह
थी
कि
अच्छा
काम
करते
रहना
है।
काम
करते
गए
और
रास्ता
निकलता
गया।

सीएम
बघेल
ने
कहा
कि
ये
उपाधि
जरूर
मुझे
मिली
है,
लेकिन
इसके
पीछे
योगदान
मेरे
परिवार
वालों
का
है।
जनप्रतिनिधियों
का
है
अधिकारी-कर्मचारियों
का
है।
यह
सम्मान
छत्तीसगढ़
के
सभी
मेहनतकश
लोगों
का
सम्मान
है,
जिन्होंने
अपने
श्रम
से
छत्तीसगढ़
को
खड़ा
किया।
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
इस
सम्मान
के
दौरान
परिवार
के
लोग
मेरे
साथ
हैं।
आज
मां
होती
तो
बहुत
खुश
होती।
इस
सम्मान
पर
इसरो
के
पूर्व
चेयरमेन
सुरेश
कुमार
ने
मुख्यमंत्री
भूपेश
बघेल
को
साइंटिफिक
मुख्यमंत्री
बताकर
उनकी
तारीफ
की।
समारोह
के
दौरान
इसरो
के
पूर्व
वैज्ञानिक
सुरेश
कुमार,
सोरबोन
यूनिवर्सिटी
के
प्रोफेसर
डा.
विवेक,अरोबिंदो
योग
एवं
नालेज
फाउंडेशन
के
डायरेक्टर
डा.
समरेन्द्र
घोष,
डा.
बी.के.
स्थापक,
डा.
संदीप
मारवाह,
डा.
विनय
अग्रवाल
आदि
उपस्थित
रहे।

मुख्यमंत्री
ने
कहा
13
हजार
नाले
हमने
ट्रीटमेंट
किए,
लेकिन
एक
इंच
जमीन
नहीं
डूबी।
यह
नवाचार
है।
एक-एक
बूंद
बचा
भी
ली
और
किसानों
को
कष्ट
भी
नहीं
हुआ।
जमीन
की
हमने
डिटेल
स्टडी
की।
भू-जल
स्तर
के
लिए
काम
किया।
सही
जगह
पर
नरवा
योजना
लाने
से
लाभ
यह
हुआ
कि
सात
सेमी
से
70
सेमी
तक
जल
स्तर
बढ़
गया।
गौठान
के
माध्यम
से
डेढ़
लाख
हेक्टेयर
जमीन
हमने
ग्रामीण
विकास
के
लिए
आरक्षित
कर
ली।
पशुधन
को
गौठान
से
जोड़ा।
वहां
चारे
की
व्यवस्था
की।
कोरोना
के
दो
साल
कठिन
रहे।
फिर
भी
गौठान
व्यवस्थित
हो
गए।
गोधन
न्याय
योजना
से
सबसे
ज्यादा
उन
लोगों
को
लाभ
हुआ,
जो
गरीबी
रेखा
के
नीचे
थे।
उनकी
आय
की
निश्चित
व्यवस्था
हो
गई।

English summary

Chhattisgarh: Doctorate degree to CM Bhupesh Baghel for innovation, Sorbonne University of Paris honored

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