17 मार्च तक बूंदा-बांदी और बारिश का अलर्ट
बिहार मौसम विभाग के मेट्रोलॉजिकल सेक्टर के सभी इलाकों में 15 मार्च से 17 मार्च तक हलचल ही हलचल देखने को मिल रही है। मौसम विभाग की ओर से जारी किये गये आंकड़े के मुताबिक उत्तर पश्चिम बिहार जैसे- पश्चिम चंपारण, सीवान, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज में 15 और 16 मार्च को मौसम शुष्क रहेगा। 17 और 18 मार्च को एक दो स्थानों पर बारिश की संभावना है। उत्तर मध्य बिहार, जिसमें सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर और समस्तीपुर शामिल हैं। इस सेक्टर में 16 से 18 मार्च के बीच एक दो स्थानों पर बारिश होने का पूर्वानुमान है। उत्तर पूर्व बिहार के जिलों सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया और कटिहार में 16 और 17 मार्च को बारिश की संभावना और 18 मार्च को सभी जिलों में बारिश की संभावना है। दक्षिण पश्चिम बिहार के बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद और अरवल में 15 मार्च यानी आज बारिश की संभावना है। उसके बाद 17 और 18 मार्च को भी बारिश होगी। दक्षिण मध्य बिहार के पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय और जहानाबाद में 16 मार्च से 18 मार्च तक बारिश की संभावना है।
बुधवार को ऐसा रहेगा पटना का मौसम !
बुधवार, 15 मार्च को पटना में मौसम अधिकांश दिन साफ रहने वाला है, सुबह होने से पहले बादल छाए रहेंगे। सुबह 12 बजे के आसपास भोर से पहले कुछ बादल छाने की भी संभावना है। दोपहर करीब 2 बजे दिन का अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस रहने वाला है। 45 प्रतिशत की औसत आर्द्रता के साथ दिन शुष्क रहेगा, लगभग 5 बजे सुबह 23 प्रतिशत से लेकर अधिकतम 69 प्रतिशत तक। हवा हल्की होगी और दोपहर 3 बजे पश्चिम दिशा से 13 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी। सूर्योदय सुबह 5:59 बजे और सूर्यास्त शाम 5:57 बजे होगा, जिससे यह कुल 11 घंटे 58 मिनट का होगा। हवा की गुणवत्ता 114 और 184 के बीच रहने वाली है। 18 मार्च को पटना में भी बारिश होने की संभावना है। मौसम में बदलाव 16 मार्च से ही दिखने लगा है। मौसम विभाग ने पहले ही किसानों को सावधान रहने के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है।
गया का न्यूतम तापमान कम
बिहार में समस्तीपुर के पूसा का न्यूनतम तापमान सबसे कम दर्ज किया गया है। मंगलवार को मौसम विभाग की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक पूसा का न्यूनतम तापमान 15.5 डिग्री सेल्सियस रहा। अन्य जिलों के न्यूनतम तापमान की बात करें, तो पटना का 19.4 डिग्री सेल्सियस, भागलपुर का 20.5 डिग्री सेल्सियस, पूर्णिया का 19.3 डिग्री सेल्सियस, पश्चिम चंपारण (वाल्मीकि नगर) का 17.3 डिग्री सेल्सियस, मुजफ्फरपुर का 20.1 डिग्री सेल्सियस। जमुई में 16.5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। आंकड़े बता रहे हैं कि न्यूनतम तापमान में 17 मार्च को गिरावट दर्ज की जाएगी। मंगलवार को न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से 21 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। मंगलवार को किशनगंज जिले का न्यूनतम तापमान सबसे ज्यादा 21.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अधिकतम तापमान
मौसम विभाग की ओर से मंगलवार देर शाम जारी किये गये आंकड़े कुछ इस प्रकार रहे। अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस से 35 डिग्री के बीच रहा। सुपौल में अधिकतम तापमान 33.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। खगड़िया में अधिकतम तापमान 35.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राजधानी पटना का अधिकतम तापमान 34.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं अन्य शहरों के अधिकतम तापमान में गया का 33.1, भागलपुर, 35.2 पूर्णिया, 34.2 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
बदलते मौसम में रहें सावधान
बिहार का मौसम 18 मार्च तक बारिश वाला रहेगा। इस दौरान लोगों में H3N2 Influenza (इन्फ्लूएंजा) के भी मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए लोगों को सावधान रहना होगा। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बिहार में H3N2 वायरस सभी पदाधिकारी और स्वास्थ्य कर्मचारियों को अलर्ट पर रखा गया है। बिहार सरकार ने अस्पतालों को दो दिन पहले अलर्ट कर दिया है। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड का अलर्ट पर रखा है। लोगों को विपरित परिस्थितियों में परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. वीके ठाकुर ने बताया कि जो वायरस देश में फैल रहा है। वो सेहत पर काफी प्रभाव डालने वाला है। लोगों को कोरोना की तरह सामाजिक दूरी रखनी चाहिए। उन्होंने बताया कि बार-बार नाक गला और आंख को नहीं छुएं। थोड़ी देर हाथ धोते रहें। जब भी किसी को शरीर में दर्द, सिर दर्द, सर्दी, खांसी या लंबे समय तक बुखार हो तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने इसको लेकर एडवाइजरी भी जारी की है। H3N2 वायरस इन्फ्लुएंजा A का सबटाइप है। इसे हांगकांग फ्लू भी कहते हैं। सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, गले में दर्द की समस्या इसके प्रमुख लक्षण हैं। ज्यादातर मामलों में यह वायरस शरीर को बीमारियों से बचाने वाले वाइट ब्लड सेल्स (WBC) को कम करता है। इसके चलते ल्यूकोपीनिया हो जाता है। इम्यूनिटी कमजोर होने पर वायरस गंभीर स्थिति पैदा कर देता है। H3N2 वायरस के कारण आने वाला बुखार ठीक होने में 5-7 दिन का समय लगता है।