मंत्रालय ने कहा, ‘इस सफल परीक्षण के साथ, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने जटिल हाई-स्पीड रोटर तकनीक को साकार करके एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि हासिल की है, जो केवल कुछ देशों ने हासिल की है।’ पीटीओ शाफ्ट को डीआरडीओ के चेन्नई स्थित ‘कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट’ द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मील का पत्थर
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, सार्वजनिक क्षेत्र के संबंधित उपक्रमों और उद्योगों की सराहना करते हुए कहा कि पीटीओ शाफ्ट को सफलतापूर्वक साकार किया जाना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और प्रमुख मील का पत्थर है। डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी. कामत ने कहा कि इस सफलता ने देश की अनुसंधान क्षमता को प्रदर्शित किया है।