नेताजी के सैनिकों को अब भी याद है उनकी स्पीच, 99 साल के लेफ्टिनेंट ने शेयर की बोस से जुड़ी घटना

नई दिल्ली : लेफ्टिनेंट सुंदरम 99 साल के हैं। वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज का हिस्सा रहे हैं। आजाद हिंद फौज का जिक्र करते हुए उनकी आंखें गर्व से चमक जाती हैं और साथ ही नम भी होती हैं। वह बताते हैं कि किस तरह नेताजी की स्पीच लोगों में जोश भर देती थी और वह भारत को आजाद कराने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार होते थे। लेफ्टिनेंट सुंदरम आजाद हिंद फौज में लेफ्टिनेंट थे और जब दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापानी सेना के साथ नेताजी की आजाद हिंद फौज भी आगे बढ़ रही थी तो वह बर्मा तक आई टीम का हिस्सा थे। नेताजी का मानना था कि वह जापान के साथ मिलकर भारत से अंग्रेजों को भगा सकते हैं।

भारतीय सेना के ऑफिसर और अरुणाचल प्रदेश स्थित दिरांग के नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एडवेंचर स्पोर्ट्स (NIMAS) के निदेशक कर्नल रनवीर सिंह जामवाल ने बताया कि किस तरह क्वालालंपुर में आजाद हिंद फौज के सैनिकों से मिलकर वह अपनी साइकलिंग की सारी थकान भूल गए। छह देशों को साइकल से कवर कर कर्नल जामवाल की टीम ने नया रेकॉर्ड तो बनाया ही साथ ही आजाद हिंद फौज से जुड़े कई किस्से भी अपने साथ लेकर आए। कर्नल जामवाल के नेतृत्व में चार लोगों की टीम ने पिछले दिनों 37 दिनों में छह साउथ ईस्ट एशिया के देशों को साइकल चलाकर कवर किया और एक रेकॉर्ड बना लिया। अब तक किसी भी भारतीय ने छह देशों को साइकल से कवर नहीं किया था।

NIMAS की टीम ने 16 जनवरी को वियतनाम के हनोई से साइकलिंग शुरू की और लाओस, कंबोडिया, थाईलैंड, मलेशिया होते हुए सिंगापुर में इंडियन नैशनल आर्मी (INA) स्मारक पर यह सफर पूरा किया। 5374 किलोमीटर का यह सफर कर्नल जामवाल की टीम ने 37 दिनों में पूरा किया। टीम ने हर दिन 9 से 10 घंटे तक साइकल चलाई। मौसम ने साथ नहीं दिया लेकिन इनका जुनून और जज्बा कम नहीं हुआ। पहली बार किसी भारतीय टीम ने यह रेकॉर्ड बनाया है।

कर्नल रनवीर सिंह जामवाल पर्वतारोहण की सेवन समिट पूरी करने वाले पहले भारतीय फौजी भी है। कर्नल जामवाल ने अफ्रीका कॉन्टनंट की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को साल 2010 में फतह किया। फिर साल 2012 में एशिया कॉन्टनंट की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया। एवरेस्ट वह 2013 और 2016 में भी गए। साउथ अमेरिका कॉन्टनंट की सबसे ऊंची चोटी माउंट एकॉनकागुआ 2013 में, यूरोप की माउंट एल्ब्रूज 2014 में, ऑस्ट्रेलिया कॉन्टनंट की सबसे ऊंची चोटी माउंट कार्ट्स नेस्ज पिरामिड 2015 में और नॉर्थ अमेरिका की माउंटेड देनाली 2017 में फतह की। कर्नल जामवाल ने जब 2013 में इंडो-नेपाल आर्मी एवरेस्ट अभियान को लीड किया तो 20 पर्वतारोहियों को सफलतापूर्वक दुनिया के टॉप पर पहुंचाने के लिए लीड करने का रेकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया। अब कर्नल जामवाल ने नेतृत्व में NIMAS ने नया रेकॉर्ड बना लिया है।

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