भ्रष्टाचार के आरोपों में 9 मई को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से पाकिस्तान राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है। इमरान को भले अदालतों से जमानत मिल रही है लेकिन उनकी मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। एक ओर जहां शहबाज सरकार उनकी पार्टी पर बैन लगाने का मूड बना रही है तो वहीं उनके करीबी पार्टी छोड़-छोड़कर जा रहे हैं। इस्लामाबाद में पाक रक्षा मंत्री ने कहा, ‘पीटीआई ने देश की नींव पर हमला किया, जो पहले कभी नहीं हुआ। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।’
शिरीन मजारी ने छोड़ी पीटीआई
ख्वाजा आसिफ ने पूछा, ‘क्या कोई ऐसा अपराध है जो 9 मई को न हुआ हो?’ इस बीच इमरान खान की करीबी सहयोगी शिरीन मजारी ने मंगलवार को पीटीआई पार्टी छोड़ दी और समूचे पाकिस्तान में नौ मई को सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वाले खान के समर्थकों की कार्रवाई की निंदा की। मजारी को 12 मई के बाद से चार बार गिरफ्तार किया जा चुका है और रिहा होने के बाद उन्होंने अपने इस्तीफे तथा सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्ति की घोषणा की।
रिहा होते ही गिरफ्तार हुए कुरैशी
उन्होंने कहा, ‘न सिर्फ नौ और 10 मई की हिंसा बल्कि मैंने हमेशा हर तरह की हिंसा खासकर सरकारी प्रतिष्ठानों और जनरल मुख्यालय, उच्चतम न्यायालय और संसद जैसे प्रतीकों के खिलाफ हिंसा की निंदा की है।’ वहीं दूसरी ओर इमरान के दूसरे करीबी नेता और पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी को मंगलवार को एक शीर्ष अदालत के आदेश पर रावलपिंडी की जेल से रिहा करने के तुरंत बाद एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया गया। रावलपिंडी की अदियाला जेल से रिहा होने के कुछ समय बाद पंजाब पुलिस ने पूर्व मंत्री को फिर से गिरफ्तार कर लिया।