पंजाब सरकार ने 2013 में प्रॉपर्टी टैक्स सिस्टम लागू किया था जिसके लिए घरेलू और कमर्शियल के भी कई स्लैब बनाए गए हैं।
Samachar
oi-Sushil Kumar

पंजाब
सरकार
ने
कुछ
समय
पहले
सैद्धांतिक
रूप
से
फैसला
लिया
था
कि
राज्य
के
शहरों
में
वसूले
जाते
प्रॉपर्टी
टैक्स
की
कलेक्शन
का
काम
निजी
हाथों
में
सौंप
दिया
जाएगा
परंतु
अब
राज्य
सरकार
बड़े
शहरों
से
वसूले
जाते
प्रॉपर्टी
टैक्स
का
ऑडिट
करवाने
पर
विचार
कर
रही
है।
पता
चला
है
कि
सरकार
के
निर्देशों
पर
सबसे
पहले
जालंधर
के
प्रॉपर्टी
टैक्स
सिस्टम
का
ऑडिट
करवाया
जा
रहा
है
जिसके
लिए
नगर
निगम
आने
वाले
दिनों
में
टैंडर
लगा
सकता
है
जिसके
माध्यम
से
ऑडिट
करने
वाली
एजैंसी
और
चार्टर्ड
अकाउंटेंट
फर्म
का
चयन
होगा।
अगर
ऐसा
होता
है
तो
इस
सिस्टम
से
वह
लोग
पकड़
में
आएंगे
जो
जानबूझकर
प्रॉपर्टी
टैक्स
बचाने
के
लालच
में
गलत
रिटर्न
भर
रहे
हैं।
गौरतलब
है
कि
इस
समय
जालंधर
निगम
शहर
के
लोगों
से
करीब
35
करोड़
रुपए
वार्षिक
प्रॉपर्टी
टैक्स
एकत्रित
कर
रहा
है
परंतु
कुछ
सूत्र
यह
भी
मानकर
चल
रहे
हैं
कि
यदि
सभी
लोग
ईमानदारी
से
अपना
प्रॉपर्टी
टैक्स
अदा
करें
और
डिफाल्टरों
पर
भी
सख्ती
बरती
जाए
तो
टैक्स
कलेक्शन
की
राशि
100
करोड़
रुपए
के
करीब
तक
पहुंच
सकती
है।
चुपके
से
करवाया
भी
गया
था
टैक्स
का
ऑडिट
पता
चला
है
कि
जालंधर
निगम
प्रशासन
ने
कुछ
सप्ताह
पहले
चुपके
से
शहर
की
कुछ
संपत्तियों
का
प्रॉपर्टी
टैक्स
ऑडिट
करवाया
था।
इसके
लिए
एक
सी.ए.
की
सेवाएं
ली
गई
थीं
जिसने
एक
दिन
लगाकर
शहर
की
करीब
आधा
दर्जन
सम्पत्तियों
पर
जाकर
पैमाइश
इत्यादि
की
थी।
जब
उन
सम्पत्तियों
का
टैक्स
रिकॉर्ड
चेक
किया
गया
तो
उसमें
काफी
फर्क
आया।
इस
प्रक्रिया
दौरान
शहर
के
एक
प्रमुख
होटल
का
भी
टैक्स
जांचा
गया
तो
हेरतअंगेज
तथ्य
सामने
आया
कि
उस
होटल
के
ऊपरी
फ्लोर
के
कमरों
को
बंद
बताकर
प्रॉपर्टी
टैक्स
भरा
जा
रहा
था।
पी.जी.
और
किराए
वाली
सम्पत्तियों
से
आ
रहा
कम
टैक्स
पंजाब
सरकार
ने
2013
में
प्रॉपर्टी
टैक्स
सिस्टम
लागू
किया
था
जिसके
लिए
घरेलू
और
कमर्शियल
के
भी
कई
स्लैब
बनाए
गए
हैं।
जालंधर
निगम
के
पार्षद
हाऊस
ने
प्रस्ताव
पारित
करके
पी.जी.
से
भी
कमर्शियल
टैक्स
वसूलने
का
फैसला
लिया
था
परंतु
पता
चला
है
कि
जालंधर
निगम
अभी
तक
किसी
पी.जी.
से
कमर्शियल
प्रॉपर्टी
टैक्स
नहीं
वसूल
पा
रहा।
इसी
प्रकार
जिस
प्रॉपर्टी
को
भारी
किराए
पर
चढ़ाया
जाता
है,
वहां
कइयों
का
किरायानामा
भी
कम
शो
करके
कम
टैक्स
भरा
जा
रहा
है।
ज्यादातर
लोग
अपनी
दुकानों
और
कमर्शियल
संस्थानों
को
बंद
शो
करके
कम
टैक्स
भर
रहे
हैं।
माना
जा
रहा
है
कि
अगर
प्राइवेट
एजैंसी
के
माध्यम
से
ऑडिट
होता
है
तो
हजारों
की
संख्या
में
डिफाल्टर
और
कम
टैक्स
भरने
वाले
पकड़
में
आ
सकते
हैं
जिससे
निगम
के
खजाने
में
काफी
वृद्धि
होगी।
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निर्देश
English summary
Bhagwant Mann government will conduct property tax audit defaulters will be tightened