बिहार महागठबंधन में इस मुद्दे पर चढ़ा पारा, लेफ्ट पार्टियों ने खोला मोर्चा, नीतीश-तेजस्वी से होगी ‘सीधी बात’

पटना: नीतीश कुमार सरकार (Nitish Kumar Govt) के एक फैसले पर अब महागठबंधन में शामिल सहयोगी ही सवाल उठाने लगे हैं। मामला लेफ्ट पार्टी से जुड़ा है, जिन्होंने बिहार सरकार के एक फैसले पर नाराजगी जताई है। सत्तारूढ़ महागठबंधन सरकार में शामिल वामपंथी दलों ने नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली (Bihar Teacher Recruitment 2023) को लेकर विरोध दर्ज किया है। यही नहीं इसमें संशोधन की मांग को लेकर अहम बैठक की। जिसके बाद वामपंथी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात का फैसला लिया है।

नई शिक्षक नियुक्ति नियमाली को लेकर घमासान

जानकारी के मुताबिक, नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को लेकर छात्र और दूसरे कैंडिडेट्स लगातार आवाज बुलंद कर रहे। अब इस मुद्दे पर सियासी पारा भी गरमाने लगा है। वामपंथी दलों सीपीआई, सीपीएम और भाकपा-माले की शनिवार को पटना में एक बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता भाकपा-माले के वरिष्ठ नेता केडी यादव ने की। बैठक के बाद लेफ्ट पार्टियों के नेताओं ने संयुक्त बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि बिहार सरकार की ओर से लाई गई नई शिक्षक नियमावली पर शिक्षक संगठनों का विरोध है।

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लेफ्ट पार्टियों ने उठाया मुद्दा

वाम दलों का भी मानना है कि यह महागठबंधन के 2020 के घोषणा के अनुरूप नहीं है। बैठक में कहा गया कि बिहार शिक्षक नियुक्ति नियमावली-2023 के जरिए वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का फैसला तो स्वागत योग्य है। लेकिन इस नियमावली में राज्यकर्मी का दर्जा देने की शर्त के रूप में परीक्षा आयोजित करने की बात से राज्य के लाखों नियोजित शिक्षक आशंकित हैं। इससे यह संदेश जा रहा है कि ये शिक्षक ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा’ देने के योग्य नहीं थे।

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सीएम नीतीश से की ये डिमांड

नियोजित शिक्षकों ने सरकार के सभी प्रकार के कार्यों में लगातार हिस्सा लिया। उन्हें सपोर्ट करते हुए बिहार के शैक्षणिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में अहम योगदान दिया है। ये शिक्षक बिहार सरकार की ओर से समय-समय पर निर्धारित मानकों के अनुरूप बहाल हुए हैं। वाम दलों की मांग है कि सभी नियोजित शिक्षकों को महागठबंधन के 2020 के घोषणापत्र के मुताबिक बिना किसी परिक्षा के सीधे राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए। इसके साथ ही जारी गतिरोध को खत्म किया जाए।

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सीएम-डिप्टी सीएम से मिलेगा वाम दलों का प्रतिनिधिमंडल

लेफ्ट पार्टी के नेताओं की बैठक में कहा गया कि नई शिक्षक नियमावली पर टीचर्स संगठनों और अभ्यर्थियों की आपत्तियों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को गम्भीरतापूर्वक विचार करना चाहि। साथ ही उसका निराकरण करना चाहिए। इस मसले पर वामपंथी दलों का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मिलेगा। नई शिक्षक नियमावली पर उठ रही आपत्तियों से उन्हें अवगत कराएगा। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि महागठबंधन के अन्य दलों राजद, कांग्रेस, हम और जदयू के राज्य नेतृत्व से भी बातचीत की जाएगी।

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