ललन ने दिया संजय जायसवाल को जवाब
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार पीएफआई के एजेंडे पर चल रही है। यह अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की नीति पर काम कर रही है। भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए कहा कि वह राजद (आरजेडी) की इच्छा के अनुसार काम कर रहे हैं। भाजपा नेता ने आगे कहा कि यही कारण है कि बिहार सरकार मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति पर चल रही है। वह बिहार में अपने पाल्टिमार कार्यक्रम को अंजाम देना जारी रखे हैं जिसके लिए वे नोबेल पुरस्कार के पात्र हैं। बिहार भाजपा प्रमुख की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा, नीतीश कुमार 17 साल से बिहार में सरकार चला रहे हैं। राज्य में सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव अच्छी तरह से कायम है। वह लोगों की जरूरतों और सुविधा के अनुसार निर्णय लेता है। भाजपा सांप्रदायिक और धार्मिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है।
हिंदुओं को छुट्टी दे सरकार-संजय
बिहार सरकार की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि यह आदेश स्थायी रूप से प्रत्येक वर्ष के लिए प्रभावी रहेगा। बिहार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से यह आदेश सभी विभागों, उनके अध्यक्षों, पुलिस महानिदेशक, आयुक्तों और जिले के अधिकारियों को भेजा गया है। यह आदेश संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों पर भी लागू होगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि जहां बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू है, वहां भी इसी आदेश के हिसाब से उनकी हाजिरी लगेगी यानी मुस्लिम कर्मचारी एक घंटे पहले अटेंडेंस लगा सकेंगे। इधर, भाजपा ने सरकार के इस आदेश को अनुचित माना है। भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि सरकार धर्म के आधार पर लोगों को बांटना चाहती है।
बीजेपी का नीतीश पर हमला
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या सरकार अन्य धर्मावलंबियों के पर्व और त्योहारों में भी ऐसी ही राहत देने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि पहले से ही सीमांचल के इलाकों में उर्दू स्कूलों सहित कई स्कूलों में शुक्रवार को साप्ताहिक छुट्टी होती है। उन्होंने कहा कि यह वोटबैंक को संदेश देने की घटिया राजनीति है, इसे न्यायोचित नहीं कहा जा सकता है। बिहार में पहले भी शुक्रवार को स्कूलों में छुट्टी रहने को लेकर विवाद हो चुका है। सीमांचल के सरकारी स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी दिये जाने के मसले ने काफी तूल पकड़ा था। उसके बाद इस मामले को लेकर बीजेपी ने नीतीश सरकार पर हमला बोला था। अब एक बार फिर रमजान को लेकर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है।