बीजेपी नेता क्यों चाहते हैं तेजस्वी जल्द बनें सीएम, बिहार में पिक्चर अभी बाकी है

पटना: बिहार की राजनीति भी गजब की हो गई है, जहां सियासी दल एक दूसरे से कंपटिशन में दर्द भी देते हैं और राहत भी। ऐसा ही कुछ विपक्ष की राजनीति के साथ नजर रहा। हैरत तो यह है कि जो गठबंधन की राजनीति में साथ-साथ हैं वे भी एक-दूसरे को बयानों के जरिए अटैक से बाज नहीं आ रहे। बिहार के संदर्भ में तीन बड़ी पार्टियां आरजेडी, बीजेपी और जेडीयू हैं। तीनों ही पार्टियों से बीते कुछ दिनों में जो बयान आए हैं वो बिल्कुल जुदा हैं। इसे लेकर सियासी गलियारों में जो चर्चा हो रही उस पर गौर करें तो इसमें एक नया वर्ग नजर आएगा। जानिए बीजेपी, जेडीयू और आरजेडी का हाल।

बीजेपी का राजनीतिक द्वंद्व

बिहार में बीजेपी की स्थिति जेडीयू के NDA से हटने के बाद थोड़ी कमजोर हुई है। हालांकि, पार्टी के नेता लगातार विस्तारित सांगठनिक ढांचे के सहारे इस परिस्थिति से उबरने का सूत्र तलाश रहे। हालांकि, पार्टी को ज्यादा खतरा आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार पर सीबीआई और ईडी के एक्शन से हो रहा है। बीजेपी में अंदरखाने की बात करें तो जो प्रवक्ता लालू परिवार पर अटैक कर रहे और कह रहे कि तेजस्वी यादव को जेल हो जाएगी। वो दावा कर रहे कि बड़े पुख्ता सबूत केंद्रीय एजेंसियों को मिल चुके हैं। ये सब उद्गार सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। वहीं अंदरखाने की बात पर गौर करें तो बीजेपी के रणनीतिकार भी मन ही मन नहीं चाहते कि 2024 और 2025 तक किसी को भी सजा हो।

‘संकट में लालू का कुनबा’…लेकिन नीतीश की रहस्यमयी मुस्कान का राज क्या है?

BJP क्यों चाहती है लालू फैमिली को अभी नहीं हो सजा?

लैंड फॉर जॉब स्कैम का पूरा मामला चूंकि यूपीए सरकार के दौरान का है। इतने साल गुजर गए पर फैसला नहीं आना भी किसी हैरत से कम नहीं। हालांकि, अब जांच तेज हुई तो भी बिहार बीजेपी में चर्चा यही है कि लालू परिवार पर कोई एक्शन नहीं हो। इसकी वजह भी काफी दिलचस्प है। बीजेपी का यह आंतरिक आकलन है कि अगर चुनाव के पहले लालू फैमिली में किसी को सजा हुई तो आरजेडी के वोट बैंक में 4 फीसदी तक की बढ़ोतरी होगी। इसका सीधा असर आगामी लोकसभा और विधानसभा की सीटों पर पड़ सकता है। उनसे सीटें छिन सकती हैं। वह भी इसलिए कि अभी तक अकेले पड़ी बीजेपी का टारगेट विधानसभा और लोकसभा की वही सीटें हैं जहां पार्टी वोटों के गणित में पिछड़ रही है। ऐसे में आरजेडी या महागठबंधन का चार प्रतिशत वोट बढ़ जाने के अनजाने डर से बीजेपी परेशान है।

तेजस्वी यादव के प्रमोट करने के पीछे नीतीश की मंशा का सच, लालू परिवार से अभी भी दल का रिश्ता, दिल का नहीं!

बीजेपी चाहती है तेजस्वी बनें सीएम!

महागठबंधन के भीतर जितने दल हैं, यहां तक कि आरजेडी के विधायक तक को भी हड़बड़ी नहीं है कि तेजस्वी यादव सीएम बनें। खुद राज्य के उपमुख्यमंत्री ने भी खुद कहा कि मुझे डिप्टी सीएम ही रहने दीजिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बेहतरी से काम हो रहा। सीएम ने अपनी बात कह ही दी है। लेकिन बीजेपी को इस बात की बेचैनी है कि शीघ्र से शीघ्र तेजस्वी यादव को सीएम बना देना चाहिए। यह अन्याय है। सबसे बड़े दल के नेता हैं तेजस्वी यादव। यह अधिकार की बात है। सीएम नीतीश को न्याय करना चाहिए। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी के इस तेवर का एक राजनीतिक मकसद है।

आरजेडी-जेडीयू के रिश्तों में ऑल इज नॉट वेल! क्या सच में नीतीश पर भारी पड़ रहे तेजस्वी यादव?

बीजेपी की इस ‘मेहरबानी’ को कैसे देखते हैं विशेषज्ञ

राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे कहते हैं कि बीजेपी बार-बार तेजस्वी यादव को जो सीएम बनाने का दबाव बना रही, उसके पीछे पार्टी का हिडेन एजेंडा है। दरअसल, जिस तरह से राज्य में कानून तोड़ने का मामला बढ़ रहा, बीजेपी के लिए चुनावी मुद्दा बन रहा है। बीजेपी नेता का मकसद सिर्फ इतना है कि तेजस्वी जब सीएम बन जाएंगे तो पार्टी इस बात को तर्क सहित लोकसभा चुनाव के समय प्रचारित प्रसारित करेगी कि उनके डिप्टी सीएम रहते अपराध का ग्राफ बढ़ गया था। अब तो वो सीएम बन गए हैं तो आपराधिक घटनाओं में वृद्धि होगी और जंगलराज पार्ट-2 का आगमन हो जाएगा।

आरजेडी के साथ ये दुर्भाग्य भी है कि सत्ता में आते ही राज्य में क्राइम बढ़ जाता है। बीजेपी इसी आंतरिक सुरक्षा और लूट, हत्या, अपहरण का मसला उठाकर लोकसभा में जीत का समीकरण फिट करना चाहती है। सत्य यह है कि बीजेपी का कोई इंटरेस्ट तेजस्वी को सीएम बनाने को लेकर नहीं है। हां, बीजेपी को चुनावी मुद्दे का इंतजार है और हर हाल में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आने पर पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ने में सहज महसूस करेगी।

‘विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप’, विजय सिन्हा ने बताया राज्यपाल से क्यों मिले बीजेपी विधायक?

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published.