भीलस्थान, नक्सलवाद… राजस्थान विधानसभा में ऐसा क्या हुआ कि बीजेपी सीनियर MLA पर सोशल मीडिया पर भड़के लोग

जयपुर: राजस्थान विधानसभा में चल रही सदन की कार्रवाई की गूंज मंगलवार को सोशल मीडिया पर भी सुनाई दी। यहां पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल ने विधानसभा में जनजातीय मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान मेघवाल ने भील प्रदेश को लेकर चली आ रही मांग पर कुछ ऐसा कहा है, जिस लेकर लोग सोशल मीडिया पर नाराजगी जता रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर इसे लेकर बहस छिड़ गई है। साथ ही इस मामले में लोग कैलाश मेघवाल से माफी मांगे मुद्दे को ट्विटर पर ट्रेंड करवा रहे हैं।

जानिए क्या कहा मेघवाल ने

बीजेपी के सीनियर विधायक कैलाश मेघवाल ने सदन में कहा कि प्रदेश के दक्षिणी राजस्थान में ‘भील–स्थान’ की मांग उठ रही है। भीलस्थान की मांग राजस्थान को खंडित करने की मांग है। यहां नक्सलवाद के बीज बोए जा रहे हैं। इस पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ये मांग दक्षिणी राजस्थान ही नहीं उठी, लेकिन अब इसकी पहुंच विधानसभा तक भी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश रंग रगीले राजस्थान का एक हिस्सा क्यों हमसे अलग होना चाहता है। यह सोचने का विषय है।

उन्होंने कहा कि बंगाल में नक्सलवाद से कितना खून खराबा हुआ? यह किसी से छिपा हुआ नहीं है। मेघवाल ने कहा कि दक्षिणी राजस्थान में भी अब तो नक्सलवाद के बीज पहुंच चुके हैं और आदिवासियों में असंतोष बढ़ रहा है। इस असंतोष के कारण दक्षिणी राजस्थान में माओवाद के बीज भी पनपने लगे हैं।

राजकुमार रौत ने किया विरोध , स्पीकर ने फटकारा

विधायक कैलाश मेघवाल की ओर से भील प्रदेश की मांग को लेकर की गई चर्चा के बाद विधानसभा में भी हंगामा हुआ। मेघवाल के बयान का इस दौरान सदन में भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के विधायक ने राजकुमार रौत ने विरोध किया। लेकिन स्पीकर सी पी जोशी ने इस मामले में तुरंत विधायक रौत को टोक कर बैठा था। घटनाक्रम के बाद ट्विटर पर लगातार कैलाश मेघवाल के खिलाफ सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई जा रही है। ट्विटर पर लोग इस बात पर नाराजगी जता रहे है कि सदन में कैलाश मेघवाल ने भील प्रदेश की मांग को नक्सलवाद से जोड़ दिया।

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