मंत्री की सिफारिश पर मिला सरकारी मोबाइल नंबर, अहमदाबाद में बनवाया विजिटिंग कार्ड, दो BJP नेताओं से लेनदेन

अहमदाबाद: प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अधिकारी के तौर जम्मू-कश्मीर में वीआईपी ट्रीटमेंट ले रहे किरन पटेल के मामले में खुलासा हुआ है कि उसके पास सरकारी मोबाइल नंबर था। यह मोबाइल नंबर उसे 2015 में एक वरिष्ठ मंत्री की सिफारिश पर दिया गया था। इसके बाद पटेल ने अपने रुतबे को बढ़ाया और पीएमओ अधिकारी बनकर जम्मू-कश्मीर में जेड प्लस सिक्योरिटी हासिल की और कई सारे संवेदनशील स्थानों का दौरा भी किया। इस खुलासे के बाद बीजेपी के नेताओं को जांच एजेंसियों ने रडार पर लिया है। इतना ही नहीं किरन पटेल द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज को भी ठगने का मामला सामने आया है। पुलिस इस मामले की भी जांच कर सकती है।

वित्तीय संबंध आए हैं सामने
इस मामले की जांच में सामने आया है कि किरन पटेल के दो बीजेपी नेताओं के साथ वित्तीय रिश्ते थे। ये दोनों नेता बीजेपी में काफी वरिष्ठ है। इस खुलासे के बाद इन दोनों को जांच के दायरे में लिया गया है। जांच से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार जब श्रीनगर पुलिस ने 2 मार्च को किरन पटेल को होटल ललित के रूम नंबर 1107 से पकड़ा तब उसके साथ अमित पंड्या और हितेश सीतापरा की मौजूदगी थी। अधिकारी ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए कश्मीर पुलिस और गुजरात एटीएस की टीमें अब इस बात की जांच कर रही हैं कि पटेल ने मोबाइल नंबर समेत तमाम सुविधाएं कैसे हासिल की थीं?

अहमदाबाद में पहुंची एक टीम
जालसाजी के कनेक्शन की जांच के लिए कश्मीर पुलिस की एक टीम 15 मार्च को किरन पटेल की घोडासर स्थित आवास पर पहुंची थी। इनता ही नहीं नवरंगपुरा की सीजी रोड स्थित ऑडिट फर्म पर टीम ने जांच की थी। एटीएस और कश्मीर पुलिस की टीम ने मणिनगर के उस प्रिंटिंग प्रेस का भी दौरा किया था जहां से किरन पटेल ने पीएमओ वाला विजिटिंग कार्ड छपवाया था। जिसमें उसने खुद के एडिशनल डायरेक्टर (स्ट्रैटेजी एंड कैंपेंन) पीएमओ होने का उल्लेख किया है। दोनों टीमें की जांच में सामने आया है कि फरवरी के पहले हफ्ते में किरन पटेल ये विजिटिंग कार्ड छपवाए थे।

दिखाया था पीएमओ का आई कार्ड
टीमों ने जब प्रिंटिंग प्रेस के एक कर्मचारी से पूछताछ की, तो उसने बताया कि पटेल ने खुद को पीएमओ के अधिकारी के रूप में पेश किया था। उस वक्त उसने कहा था कि थोड़ी जल्दी मे ये कार्ड चाहिए। विजिटिंग कार्ड बनाने के लिए जब उससे आई कार्ड मांगा गया था तो पटेल ने स्टॉफ को एक आई कार्ड दिखाया था। जिसे कथित तौर पर पीएमओ से जारी किया गया था। पुलिस के सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि पटेल ने कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के एक वरिष्ठ जज को सुप्रीम कोर्ट में एक वरिष्ठ पद का वादा करके धोखा दिया था। यूपी पुलिस जल्द ही इस मामले की जांच कर सकती है। इस मामले में किरन पटेल द्वारा मोटी रकम लेने की बात भी कही जा रही है।

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