कांग्रेस
सांसद
राहुल
गांधी
का
चार
साल
पहले
दिया
बयान
उन
पर
बहुत
भारी
पड़
गया
है।
मोदी
सरनेम
वाले
बयान
पर
गुजरात
के
सूरत
कोर्ट
ने
गुरुवार
को
राहुल
गांधी
को
दो
साल
की
जेल
की
सजा
सुनाई
थी
हालांकि
उनको
इस
मामले
में
कोर्ट
से
तुरंत
जमानत
भी
मिल
गई
थी
लेकिन
उनको
चूंकि
कोर्ट
ने
दो
साल
की
जेेल
की
सजा
सुनाई
थी
इस
आधार
पर
लोकसभा
सचिवालय
ने
उनको
लेकर
एक
अधिसूचना
जारी
कर
उनकी
लोकसभा
से
सदस्यता
को
रद्द
कर
दिया
था।
कोर्ट
से
सजा
के
बाद
सदस्यता
रद्द
होने
पर
देश
भर
के
कांग्रेसी
सड़कों
पर
उतर
आए
है
और
कई
राज्यों
में
केंद्र
की
भाजपा
सरकार
पर
जमकर
गुस्सा
निकाल
रहे
हैं।
लोकसभा
से
सदस्यता
रद्द
होने
के
बाद
कांग्रेस
नेता
राहुुल
गांधी
ने
शनिवार
को
एक
प्रेस
कॉन्फ्रेंस
करने
की।
इस
प्रेस
वार्ता
में
राहुल
गांधी
ने
कहा
संसद
में
मैंने
पूछा
कि
अडानी
ग्रुप
मेंं
निवेश
किसने
किया।
राहुल
गांधी
ने
दावा
कि
मोदी
और
अडानी
के
रिश्ते
पुराने
हैं,
इसलिए
जवाब
नहीं
मिला।
उन्होंने
कहा
मंत्रियों
ने
संसद
के
भीतर
मेरे
ऊपर
झूठे
आरोप
लगाए
गए
हैंं
और
जब
मैंने
मामले
पर
जवाब
देने
के
लिए
इजाजत
मांगी,
लेकिन
इजाजत
नहीं
मिली।
राहुल
गांधी
ने
कहा
संसद
के
भीतर
जो
हुआ,
जनता
से
सब
देखा,
मेरे
किसी
सवाल
का
जवाब
नहीं
मिला।
मैं
चुप
बैठने
वाला
नहीं
हूं,
मैं
लड़
रहा
हूं
और
लड़ता
रहूंगा।’
उन्होंने
कहा
मोदी
जी
आप
धमकाकर
मुझे
चुप
नहीं
करा
सकते
हैं।