क्या है मामला?
पुरानी कोतवाली से दलालघाट का रोड नहीं बन पाने का मुद्दा नगर निकाय चुनाव में खासा गरमा गया है। लोगों ने सड़कों पर पोस्टर लगाकर विरोध जताना शुरू कर दिया है। परेशान लोगों ने एक साथ बैठकर तय किया है, अगर सड़क का निर्माण नहीं कराया जाता है, तो वे वोट देने जाएंगे। पुरानी कोतवाली से दलालघाट तक के मुहल्ले के लोग वोट बहिष्कार तक की बातें करने लगे है। इसने प्रशासनिक चिंता को बढ़ा दिया है। वहीं, स्थानीय लोगों का आक्रोश लगातार बढ़ रहा है। वे भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं। कह रहे हैं कि जिले के सभी सड़कों का निर्माण कराया गया है, लेकिन हमारी सड़क को छोड़ दिया गया। यह विरोध उसी के लिए है।मुहल्ले के लोगों का कहना है कि कोई हमारी सुनने वाला नहीं है। हम लोग लगातार सड़क के मुद्दे को उठा रहे हैं। इसके बावजूद प्रशासन से लेकर सरकार तक कोई भी हमारी बात नहीं सुन रहा। ऐसे में यही एक विकल्प है जो हमें सूझ रहा था। हमने चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया है। हम लोग इस पर अडिग हैं। लोगों का कहना है कि हम सरकार का चुनाव अपनी सुविधा के लिए करते हैं, लेकिन जनप्रतिनिधि जब हमारी सुनेंगे ही नहीं तो फिर चुनाव का क्या मतलब रह जाता है।
निरहुआ ने किया था वादा
यूपी चुनाव 2022 में मैनपुरी के करहल विधानसभा सीट से विधायक बनने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैं आजमगढ़ लोकसभा सीट छोड़ दी थी। इसके बाद हुए उप चुनाव में भाजपा से एक बार फिर दिनेश लाल यादव निरहुआ ने ताल ठोकी। वहीं, समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव मुकाबले में थे। चुनावी मैदान में उतरे निरहुआ ने क्षेत्र की खराब स्थिति की बात करते हुए दावा किया था कि इलाके में सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा। लोगों की परेशानी दूर की जाएगी। हालांकि, अब तक मोहल्ले की सड़क नहीं बन पाने को लेकर लोगों का गुस्सा सांसद पर भी बढ़ रहा है।