लिव-इन रिलेशनशिप पर बनेंगे सख्‍त नियम? रजिस्ट्रेशन के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर केंद्र को ‘लिव-इन’ संबंधों के पंजीकरण के लिए नियम बनाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। याचिका में ऐसे संबंधों में बलात्कार और हत्या जैसे अपराधों में बढ़ोतरी का उल्लेख किया गया है। याचिका में लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला द्वारा श्रद्धा वाल्कर की हत्या किए जाने का हवाला देते हुए इस तरह के रिश्तों के पंजीकरण के लिए नियम और दिशानिर्देश तैयार करने का आग्रह किया गया है।

जनहित याचिका में कहा गया है कि ‘लिव-इन’ संबंधों के पंजीकरण से ऐसे संबंधों में रहने वालों को एक-दूसरे के बारे में और सरकार को भी उनकी वैवाहिक स्थिति, उनके आपराधिक इतिहास और अन्य प्रासंगिक विवरणों के बारे में सटीक जानकारी उपलब्ध होगी।

वकील ममता रानी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि बलात्कार और हत्या जैसे अपराधों में बढ़ोतरी के अलावा, “महिलाओं द्वारा दायर किए जा रहे बलात्कार के झूठे मामलों में भारी वृद्धि हुई है। इनमें महिलाएं आरोपी के साथ लिव-इन संबंध में रहने का दावा करती हैं। ऐसे में अदालतों के लिए सही चीज का पता लगाना मुश्किल होता है।’

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि लिव इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए क्योंकि लिव इन पार्टनरों के बीच क्राइम बढ़ा है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि केंद्र को कहा जाए कि वह रूल्स और गाइडलाइंस बनाए ताकि लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों का रजिस्ट्रेशन हो सके ताकि सरकार ऐसे लोगों पर नजर रख सकेगी कि इनके बैकग्राउंड कैसे हैं।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published.