राम सिंह का कहना है कि मेरे 29 वर्षीय बेटे राहुल की रेडियो में गहरी दिलचस्पी है और मुझे विश्वास है कि जब मैं दुनिया से अपनी आंखें बंद कर लूंगा तो मेरा संग्रह अच्छे हाथों में होगा। राहुल कहते हैं कि मैं अपने पिता को कबाड़ के बाजारों में खोजबीन करते हुए देखा है उनकी अलग-अलग शहरों में यात्रा को देखकर बड़ा हुआ हूं।