समर्पण करने के लिए क्यों दिखाते हैं सफेद झंडा? कब से हुई थी इसकी शुरुआत? नहीं जानते होंगे ये कारण

युद्ध का क्षेत्र है. दो सेनाएं आपस में टकरा रही हैं. गोलियों की आवाजें, तोप के गोले, बहता खून, सब देखकर लग रहा है जैसे इस हिंसा का अंत कभी नहीं हो पाएगा. पर अचानक एक सेना समर्पण कर देती है. उनमें से एक जवान अपनी बंदूक पर सफेद रुमाल बांधता है और दूसरी सेना की ओर दिखाने लगता है. दूसरी सेना भी समझ जाती है कि वो समर्पण करना चाहते हैं, इसलिए फायरिंग बंद हो जाती है. आपने ये दृश्य कई फिल्मों में देखा होगा. वैसे ये काल्पनिक नहीं है. हकीकत में भी ऐसा ही होता है. सफेद कपड़ा दिखाकर युद्ध रोके जाते हैं. पर सफेद कपड़े को इतनी शक्ति किसने दे दी? आखिर सफेद कपड़े का अर्थ समर्पण (Why White flag use for surrender) क्यों हो गया है? आज हम आपको इसका कारण बताने वाले हैं.

सफेद रंग (Why white colour used as surrender) को शांति और सरेंडर का प्रतीक माना जाता है. न्यूज वेबसाइट बिजनेस इंसाइडर ने टिम मार्शल से बात की और सफेद कपड़े के रहस्य को समझा. टिम मार्श एक लेखक हैं. उन्होंने ‘वर्थ डाइंग फॉर, द पावर एंड पॉलिटिक्स ऑफ फ्लैग’ नाम की किताब लिखी है. टिम कहते हैं कि सफेद रंग तुरंत पहचानने योग्य है. आपको पढ़ने और लिखने की आवश्यकता नहीं है. आपको इतिहास के बारे में अधिक जानने की आवश्यकता नहीं है. पूरी दुनिया में उस ध्वज को देखते ही, लोग जान जाते हैं कि वो क्या है.

कब से शुरू हुआ सफेद रंग का प्रयोग?
सफेद झंडा क्यों समर्पण का प्रतीक है, ये एक रहस्य है जो समय की किताब में खो चुका है. ऐसा माना जाता है कि चीनी इसे 3-4 हजार साल पहले दुख के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल करते थे. बाद में वो समर्पण के संकेत में बदल गया. सफेद रंग एक खास चित्र दर्शाता है. वो दोनों ही पक्षों के रंग को ना दिखाकर बिल्कुल सादा होता है, बस इस वजह से ये शांति और समर्पण का प्रतीक बन चुका है. पुराने जमाने में सैनिकों और नागरिकों के पास समान रूप से सफेद कपड़े हुआ करते थे. सफेद रंग आसानी से दिख जाया करता था. इसलिए आसानी से निष्क्रियता व्यक्त करने के लिए कपड़े लहराए जा थे.

मुक्केबाज क्यों फेंकते हैं सफेद तौलिया?
आज के वक्त में ये सफेद कपड़ा हमारे जीवन के अन्य पहलुओं में फैल गया है. यदि एक मुक्केबाज बहुत अधिक मार खा रहा है, तो उसकी टीम का सदस्य या उसका कोच एक सफेद तौलिया रिंग में फेंक देता है, ये समर्पण के लिए ही किया जाता है. पश्चिमी संस्कृतियों में बाइबल और सफेद कबूतर का महत्व है. बाइबल में उसे शांति का प्रतीक माना जाता है. ये सारे कारण मिलकर सफेद रंग को शांति, सौहार्द और समर्पण का प्रतीक बनाते हैं.

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