786 नंबर प्लेट, धड़ाधड़ फायरिंग… जब लखनऊ में मुख्तार अंसारी और कृष्णानंद राय का हुआ था आमना -सामना

गाजीपुर: माफिया मुख्तार अंसारी को सजा के ऐलान के बाद भाजपा के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय के बीच अदावत का एक किस्सा फिर लोगों ले जहन में ताजा हो उठा है। दरअसल गैंगस्टर एक्ट के मामले में मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने सजा सुनाई है। सजा का फैसला कृष्णानंद राय हत्याकांड को गैंग चार्ट में शामिल कर मुख्तार अंसारी के ऊपर दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में आया है।बताया जाता है कि साल 2004 में लखनऊ के कैंट क्षेत्र में मुख्तार अंसारी और कृष्णानंद राय के काफिले रास्ते से गुजरते समय एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए थे। दोनों ही पक्ष से अंधाधुंध गोलीबारी की गई थी। बताया जाता है कि मुख्तार अंसारी अपनी पत्नी अफ्शा के साथ गाजीपुर से लखनऊ आ रहा था। जबकि कृष्णानंद राय लखनऊ से वापस गाजीपुर लौट रहे थे। दोनों उस समय विधायक थे।

विधायक बने थे कृष्णानंद राय

कृष्णानंद राय गाज़ीपुर के मुहम्मदाबाद सीट से बीजेपी के सिंबल पर 2002 की विधानसभा चुनावों में विधायक विधायक निर्वाचित हुए थे। वहीं मुख्तार अंसारी मऊ सदर सीट से विधायक था। बताया जाता है कि दोनों ही काफिलों में आधुनिक असलहों से लैस लोग मौजूद थे। कटाई पुल के पास दोनों ही काफिले एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए। मुख्तार अंसारी के काफिले में हमेशा की तरह 786 नंबर प्लेट की गाड़ियां शामिल थी ।

दोनों तरफ से होने लगी धड़ाधड़ फायरिंग

कृष्णानंद राय के लोगों ने देखते ही पहचान लिया था कि का खिलाफ मुख्तार अंसारी का है। कुछ ही क्षण में दोनों ओर से फायरिंग होने लगी। बताया जाता है कि कुल 5 मिनट की फायरिंग में कई राउंड गोलियां चली थी। हालांकि इस फायरिंग में किसी के भी हताहत होने की सूचना नहीं आई थी। दोनों ही पक्ष ने एक दूसरे पर क्रास एफआइआर कराई थी।

786 नंबर का क्या खेल?

बताया जाता है कि मुख्तार की गाड़ी का जो नंबर था। उस सीरीज का नंबर अभी आरटीओ ऑफिस में जारी करना शुरू नहीं किया था। यह मुख्तार के दबदबे का प्रतिफल था कि उसे मनमाफिक नंबर आरटीओ ऑफिस से अलॉट किया गया था।

Mukhtar Ansari को गैंगस्टर केस में सजा, 10 साल तक काटनी होगी जेल

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published.