विधायक बने थे कृष्णानंद राय
कृष्णानंद राय गाज़ीपुर के मुहम्मदाबाद सीट से बीजेपी के सिंबल पर 2002 की विधानसभा चुनावों में विधायक विधायक निर्वाचित हुए थे। वहीं मुख्तार अंसारी मऊ सदर सीट से विधायक था। बताया जाता है कि दोनों ही काफिलों में आधुनिक असलहों से लैस लोग मौजूद थे। कटाई पुल के पास दोनों ही काफिले एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए। मुख्तार अंसारी के काफिले में हमेशा की तरह 786 नंबर प्लेट की गाड़ियां शामिल थी ।
दोनों तरफ से होने लगी धड़ाधड़ फायरिंग
कृष्णानंद राय के लोगों ने देखते ही पहचान लिया था कि का खिलाफ मुख्तार अंसारी का है। कुछ ही क्षण में दोनों ओर से फायरिंग होने लगी। बताया जाता है कि कुल 5 मिनट की फायरिंग में कई राउंड गोलियां चली थी। हालांकि इस फायरिंग में किसी के भी हताहत होने की सूचना नहीं आई थी। दोनों ही पक्ष ने एक दूसरे पर क्रास एफआइआर कराई थी।
786 नंबर का क्या खेल?
बताया जाता है कि मुख्तार की गाड़ी का जो नंबर था। उस सीरीज का नंबर अभी आरटीओ ऑफिस में जारी करना शुरू नहीं किया था। यह मुख्तार के दबदबे का प्रतिफल था कि उसे मनमाफिक नंबर आरटीओ ऑफिस से अलॉट किया गया था।
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