Amit Shah: शाह ने कहा- CBI-ED निष्पक्ष रूप से काम कर रहीं, जांच किए जा रहे अधिकतर मामले UPA शासन में दर्ज हुए

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से ही श्रीनगर में लाल चौक पर तिरंगा फहरा सके। प्रधानमंत्री ने पिछले नौ वर्ष के दौरान लोगों के दिलों में उम्मीद पैदा की है। उन्होंने विश्वास का संचार किया है कि स्वतंत्रता की शताब्दी के समय भारत दुनिया का नंबर एक राष्ट्र बन जाएगा।

केंद्रीय गृृह मंत्री ने एक मीडिया संस्थान के कार्यक्रम में कहा, आज कश्मीर में निवेश आ रहा है। एक साल में 1.80 करोड़ पर्यटकों के साथ इसने सैलानियों की संख्या के भी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सभी तरह की हिंसा में 70 फीसदी की कमी आई है। पहले की तरह पथराव नहीं हो रहा और न ही जुलूस निकाले जा रहे। उन्होंने कहा कि बिहार और झारखंड में वामपंथी उग्रवाद खत्म हो गया है। नक्सली हिंसा कुछ क्षेत्रों तक सिमट गई है।

विपक्ष बातचीत के लिए आए तो संसद का गतिरोध दूर हो सकता है: अमित शाह

अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि अगर विपक्ष बातचीत के लिए आगे आए तो संसद में जारी मौजूदा गतिरोध को दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष दो कदम आगे बढ़ाए तो सरकार उससे भी दो कदम आगे बढ़ेगी। शाह ने मीडिया कॉन्क्लेव कहा कि ऐसे कई मुद्दें हैं, जो राजनीति से ऊपर है और यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी विदेशी धरती पर घरेलू राजनीति पर चर्चा करने से इनकार कर दिया था।

शाह ने कहा, दोनों पक्ष लोकसभा अध्यक्ष के साथ बैठे और चर्चा करें। उन्हें दो कदम आगे आना चाहिए और हम उससे भी दो कदम आगे बढ़ाएंगे। तब संसद चलेगी, लेकिन आप केवल संवाददाता सम्मेलन कीजिए और कुछ न कीजिए, ऐसे नहीं चल सकता। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि संसदीय प्रणाली केवल सत्ता पक्ष या केवल विपक्ष से नहीं चल सकती क्योंकि दोनों को एक-दूसरे से बात करनी होती है।

उन्होंने कहा कि हमारी पहल के बावजूद विपक्ष की ओर से बातचीत का प्रस्ताव नहीं आया, तो हम किससे बात करें? वे मीडिया से बातचीत कर रहे हैं। वे नारेबाजी कर रहे हैं कि संसद में बोलने की आजादी होनी चाहिए। संसद में बोलने की पूरी आजादी है। आपको बात करने से कोई नहीं रोक रहा। हालांकि, शाह ने कहा कि सभी को नियमों का पालन करना चाहिए और उन्मुक्त नहीं होना चाहिए और सभी को नियमावली पढ़नी चाहिए और उन्हें समझना चाहिए।

शाह ने कहा, संसद में बहस नियमों के तहत होती है। आप सड़क चलते व्यक्ति की तरह संसद में नहीं बोल सकते। अगर उनको इन मूल बातों की जानकारी नहीं है तो हम क्या कर सकते हैं। शाह ने दो घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि इंदिरा गांधी आपातकाल के बाद इंग्लैंड गई थीं और उस वक्त शाह आयोग का गठन हुआ था और इंदिरा गांधी को जेल में डालने का प्रयास किया गया था।

उन्होंने इंदिरा गांधी को उद्धृत करते हुए कहा, उस समय कुछ पत्रकारों ने (इंग्लैंड में) उनसे सवाल किया था कि उनका देश कैसा चल रहा है। जिसपर उन्होंने कहा था कि हमारे बीच कुछ समस्याएं हैं, लेकिन मैं उनपर यहां कुछ नहीं कहना चाहती। मेरा देश ठीक चल रहा है। मैं कुछ भी अपने देश के बारे में नहीं कहूंगी। यहां मैं एक भारतीय हूं।

गृह मंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी विपक्ष में थे और संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर पर चर्चा होनी थी। उन्होंने कहा कि उस समय सत्ता में कांग्रेस की सरकार थी और यह पहली और आखिरी बार था कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विपक्षी नेता वाजपेयी कर रहे थे, क्योंकि यह कश्मीर पर चर्चा थी। उन्होंने कहा, यह विश्वास… कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो राजनीति से जुड़े हैं। मेरा मानना है कि सभी को इस परंपरा का पालन करना चाहिए।

शाह ने पूछा, क्या हमें विदेश में जाकर भारत के बारे में आरोप लगाने चाहिए और क्या हमें दूसरे देशों की संसद में जाकर भारत के बारे में टिप्पणी करनी चाहिए? मुझे विश्वास है कि कांग्रेस को इसका जवाब देना होगा।

पीएम मानते हैं देश के संसाधनों पर सबका हक : पीएम मोदी का मानना है कि देश के संसाधनों पर हर भारतीय का हक है। उनका सिद्धांत हर भारतीय के जीवन स्तर को उठाना है। उन्होंने कहा कि नए भारत की आंतरिक सुरक्षा की नीतियां स्पष्ट हैं और इस सिद्धांत पर टिकी हैं कि दुनिया में कोई भी भारत की सीमा और उसके सशस्त्र बलों के साथ कोई शरारत नहीं कर सकता है।

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