What does fugitive Meaning: ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह को भगोड़ा घोषित किया गया है क्योंकि उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट पहले ही जारी हो चुका था।
India
oi-Pallavi Kumari

What
is
fugitive:
खालिस्तानी
नेता
और
‘वारिस
पंजाब
दे’
के
प्रमुख
अमृतपाल
सिंह
को
पंजाब
पुलिस
ने
भगोड़ा
घोषित
कर
दिया
है।
अमृतपाल
सिंह
के
पिता
के
मुताबिक
पंजाब
पुलिस
ने
20
मार्च
2023
तक
उसे
सरेंडर
करने
का
वक्त
दिया
था।
18
मार्च
की
रात
पंजाब
पुलिस
ने
अमृतपाल
सिंह
को
भगोड़ा
घोषित
किया
है।
ऐसे
में
सोशल
मीडिया
पर
अमृतापाल
सिंह
ट्रेंड
कर
रहा
है।
भगोड़ा
घोषित
किए
जाने
को
लेकर
कई
लोग
ये
सवाल
पूछ
रहे
हैं
कि
आखिर
भगोड़ा
घोषित
होना
क्या
होता
है?
कब
और
किस
और
किस
कानून
के
तहत
किसी
आरोपी
को
भगोड़ा
घोषित
किया
जाता
है?
तो
आइए
जानें
भगोड़ा
घोषित
करने
का
मतलब
क्या
होता
है?
कब
किया
जाता
है
भगोड़ा
घोषित?
भारतीय
दंड
संहिता
के
मुताबिक
जब
किसी
आरोपी
के
खिलाफ
गैर
जमानती
वारंट
कोर्ट
की
ओर
से
जारी
हो
चुका
है।
कई
बार
नोटिस
देने
और
तलब
किए
जाने
पर
भी
अगर
अपराधी
कोर्ट
में
या
थाने
में
सरेंडर
नहीं
करता
है
तो
उस
स्थिति
में
उस
आरोपी
को
भगोड़ा
घोषित
करना
ही
एक
विकल्प
बचता
है।
बता
दें
गैर
जमानती
वारंट
में
किसी
को
जमानत
नहीं
दी
जा
सकती।
भगोड़ा
घोषित
किए
जाने
के
बाद
पुलिस-प्रशासन
को
उस
आरोपी
की
चल
और
अचल
संपत्तियों
को
कुर्क
करने
का
भी
अधिकार
मिल
जाता
है।
पुलिस
कुर्की
की
कार्रवाई
भी
इसलिए
करती
है
ताकि
आरोपी
इसके
डर
से
आत्मसमर्पण
कर
दे।
कुर्की
का
जिक्र
सीआरपीसी
की
धारा
83
में
है।

किस
कानून
के
तहत
किया
जाता
है
भगोड़ा
घोषित?
अपराध
प्रक्रिया
संहिता
यानी
CrPC
की
धारा
82
के
तहत
किसी
फरार
अपराधी
को
भगोड़ा
घोषित
किया
जाता
है।
हालांकि
यहां
आपको
एक
बात
समझनी
जरूरी
है
कि
कानूनी
भाषा
में
‘भगोड़ा’
शब्द
का
जिक्र
नहीं
है।
कानून
की
भाषा
में
भगोड़ा
को
‘फरार
व्यक्ति
की
उद्घोषणा’
कहा
जाता
है।
लेकिन
बोलचाल
और
आम
भाषा
में
इसे
भगोड़ा
कहा
जाता
है।
भगोड़ा
किसी
को
तभी
घोषित
किया
जाता
है,
जब
उसके
खिलाफ
गैर-गिरफ्तारी
वारंट
जारी
किया
गया
है।
इसमें
एक
और
टर्म
होता
है,
जिसे
भगोड़ा
आर्थिक
अपराधी
कानून
कहा
जाता
है।
इसमें
उन
लोगों
को
भगोड़ा
घोषित
किया
जाता
है
जो
वित्तीय
घोटाला
कर
रकम
चुकाने
से
मना
कर
देते
हैं।
100
करोड़
रुपये
से
ज्यादा
के
लोन
डिफॉल्टर्स
पर
ये
कार्रवाई
की
जाती
है।
जैसे
विजय
माल्या,
नीरव
मोदी,
जिन्हें
भारत
की
सरकार
ने
वित्तीय
घोटाला
के
मामले
में
भगोड़ा
घोषित
किया
है।

भगोड़ा
घोषित
होने
के
बाद
क्या
बचता
है
विकल्प?
व्यक्ति
की
उद्घोषणा
(भगोड़ा
घोषित)
किए
जाने
के
बाद
सबसे
पहले
CrPC
की
धारा
83
के
तहत
आरोपी
की
संपत्ति
कुर्क
की
जाती
है।
आरोपी
के
विकल्प
की
बात
करें
तो
वह
इसके
खिलाफ
हाई
कोर्ट
या
सुप्रीम
कोर्ट
में
अपील
कर
सकता
है।
लेकिन
ये
अपील
विशेष
अदालत
के
आदेश
के
30
दिन
के
अंदर
ही
करनी
होती
है।
अगर
आरोपी
अपील
में
देरी
करता
है
तो
कोर्ट
को
उसकी
वजह
बतानी
होगी
और
कोर्ट
के
संतुष्ट
होने
पर
ही
आगे
की
कार्रवाई
होती
है।
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Amritpal
Singh:
‘Waris
Punjab
De’
संगठन
क्या
है?
अमृतपाल
सिंह
कैसे
बना
मुखिया
|
वनइंडिया
हिंदी
English summary
Amritpal Singh Declared Fugitive What does fugitive Meaning Definition CrPC Section 82 in hindi