अमृतपाल के पीछे पुलिस तो पड़ गई लेकिन उसे यहां भी पकड़ना आसान नहीं था। क्योंकि उसके साथ कई दूसरे लोग असलहा लिए चलते हैं और कई गाड़ियों में होते हैं। पुलिस को पिछली घटना याद थी इसलिए वह अमृतपाल को उसके साथियों से अलग करना चाह रही थी। पुलिस ने शाहकोट के पास अमृतपाल के गाड़ी को टक्कर मारी और पलक झपकते उसके 6 साथियों को पकड़ लिया। साथी तो पकड़े गए लेकिन अमृतपाल यहां भी पुलिस को चकमा देकर दूसरी गाड़ी में बैठकर भाग जाता है। जैसे ही वह भागता है पुलिस उसका पीछा करती है। बताया जाता है कि पुलिस 2 घंटे तक उसका पीछा करती रही उसके बाद वह पकड़ में आया।
पुलिस को यह पहले से पता था कि अमृतपाल के साथ भीड़ होती है जिसमें कई हथियारबंद लोग भी शामिल होते हैं। अमृतपाल इन लोगों के इमोशन का भी फायदा उठाता है। शनिवार सुबह से पुलिस ने अपना ऑपरेशन शुरू कर दिया था। अमृतपाल को आज दो सभाओं को संबोधित करना था और पुलिस को इससे पहले ही उसे गिरफ्तार करना था। जिस जगह उसे लोगों को संबोधित करना था वहां पुलिस गिरफ्तार करती तो मामला बिगड़ जाता। इसलिए पुलिस ने गांव और इस जगह के बीच में ही उसे पकड़ने की योजना बनाई।
हालांकि इस मामले पर अभी पुलिस की ओर से कोई बयान नहीं आया है। अमृतसर स्थित अमृतपाल के गांव जल्लुपुर खेड़ा में पंजाब पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ने पूरी घेराबंदी कर रखी है। पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। कानून व्यवस्था न बिगड़े इसको ध्यान में रखते हुए पंजाब में कल दोपहर तक के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है।