
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा
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विशेष सशस्त्र बल कानून (AFSPA) को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि हम 2023 के अंत तक असम से AFSPA को पूरी तरह से वापस लेने का लक्ष्य बना रहे हैं। हम अपने पुलिस बल को प्रशिक्षित करने के लिए पूर्व सैन्य कर्मियों को भी शामिल करेंगे। दरअसल, पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों व जम्मू—कश्मीर में यह कानून लागू है। उग्रवाद और आतंकवाद पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों को इस कानून के तहत तमाम तरह के खास अधिकार दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। लचित बरफुकन पुलिस अकादमी में पहले कमांडेंट सम्मेलन में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम 2023 के अंत तक असम से पूरी तरह से एएफएसपीए को वापस लेने का लक्ष्य बना रहे हैं। हम अपने पुलिस बल को प्रशिक्षित करने के लिए सैन्य कर्मियों को भी शामिल करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि यह असम पुलिस बटालियनों के साथ केंद्रीय पुलिस के प्रतिस्थापन की सुविधा प्रदान करेगा। AFSPA सशस्त्र बलों को बिना वारंट के गिरफ्तारी और तलाशी का अधिकार देता है। साथ ही यह मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना बल प्रयोग का भी अधिकार देता है। असम के 8 जिलों और एक सब-डिवीजन को छोड़कर अधिकांश जिलों से इसे हटा लिया गया है।