कांग्रेस पार्टी की अगले हफ्ते एक बड़ी बैठक होने वाली है। अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाली इस बैठक में पार्टी कुछ बड़े फेरबदल का पूरा प्लान तैयार कर उसे अमल में ले आएगी। इसके अलावा इस बैठक में लोकसभा चुनावों की बजाय विधानसभा के चुनावों पर फोकस करने के लिए नेताओं को तैयारियों के साथ आने को कहा गया है। जानकारों के मुताबिक बैठक में कर्नाटक के चुनावी घोषणापत्र के उन पांच मुद्दों को सामने रखकर आगे की रणनीति बनाई जानी है। जिससे विधानसभा के चुनावों में जैसे ही नतीजे मिल सकें।
पार्टी से जुड़े सूत्रों के अगले विधानसभा के चुनाव से पहले पार्टी में व्यापक स्तर पर नई योजनाओं को बनाने के लिए अलग-अलग नेताओं को जिम्मेदारियां दी गई हैं। ऐसी ही एक जिम्मेदारी निभाने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता बताते हैं कि जल्द होने वाली इस बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा कर्नाटक में चुनावी घोषणा पत्र को आने वाले विधानसभा के सभी चुनावों में लागू किए जाने का है। वह कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली जैसे मुद्दे पर न सिर्फ सत्ता में आई, बल्कि कर्नाटक के चुनाव में भी सत्ता में वापसी की है। कांग्रेस पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता बताते हैं कि पार्टी अब आने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में अब उन पांच घोषणाओं के साथ ही आने वाले विधानसभा के चुनाव में उतरेगी। इसमें फ्री बिजली, परिवार की महिला मुखिया को मासिक सहायता, मुफ्त में राशन, बसों में महिलाओं को फ्री यात्रा और बेरोजगारों का मुद्दा का शामिल है।
पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता बताते हैं कि कर्नाटक विधानसभा चुनावों के बाद पार्टी के चुनिंदा नेताओं की बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में तय हुआ कि कर्नाटक विधानसभा के चुनावी मुद्दों के साथ ही आने वाले विधानसभा के चुनाव में सियासी आधार बनाकर चुनाव लड़ा जाएगा। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल कहते हैं कि उनकी पार्टी हमेशा से जनता के मुद्दों को आगे लेकर के ही सियासी मैदान में उतरी है। वह कहते हैं कि हिमाचल और कर्नाटक के चुनावों में पार्टी की जीत से निश्चित तौर पर बहुत से नए मुद्दों के साथ सियासी मैदान में उतरने की तैयारी और मजबूत हुई है। पवन बंसल कहते हैं कि रायपुर में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में ऐसे ही मुद्दों को जनता के बीच में ले जाकर चुनाव लड़ने की हिमायत भी की गई थी। हमारी पार्टी ऐसे ही जनहित के मुद्दों के आधार पर आने वाले विधानसभा के चुनाव में और लोकसभा के चुनाव में जनता के बीच में होगी।
राजनीतिक विश्लेषक आरपी सिंह कहते हैं कि फिलहाल बीते कुछ चुनावों में कांग्रेस ने जिस तरीके से अपने चुनावी घोषणापत्र को तैयार करना शुरू किया है, वह देश में खुद को विस्तारित करने वाली आम आदमी पार्टी के मुद्दे जैसे ही हैं। वह कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी को इस बात का अंदाजा हो गया है कि पुरानी पेंशन बहाली के माध्यम से वह देश के करोड़ों कर्मचारियों तक सीधे पहुंच बना सकती है। सिंह कहते हैं कि मुफ्त में महिलाओं को बड़े राज्यों में बस की सवारी का जो फायदा मिलता है वह बड़े वोट बैंक के तौर पर निश्चित रूप में तब्दील होता ही है। यही वजह है कर्नाटक में महिलाओं के लिए मुफ्त में बस के सफर की घोषणा ने कांग्रेस पार्टी को एक बूस्टर के तौर पर देखी जा रही है। वह कहते हैं कि अन्य राज्यों में भी इस तरीके की योजना महिलाओं के लिए बड़े वोट बैंक में तब्दील होने जैसी ही है। क्योंकि ज्यादातर राज्यों का क्षेत्रफल बहुत बड़ा है और महिलाओं को फ्री बस का लाभ निश्चित तौर पर सियासी रूप से राजनीतिक पार्टियों को मिलना तय है। इसी तरह घर की महिला मुखिया को मिलने वाला मानदेय और बेरोजगारों को भत्ता सियासी रूप से बड़े मुद्दे हो जाते हैं।
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पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस हफ्ते होने वाली बैठक में इन्हीं मुद्दों को लेकर राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के चुनावों की सियासी जमीन भी तैयार की जानी है। उससे पहले कुछ राज्यों में बड़े फेरबदल भी किए जा सकते हैं। इसे लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की प्रमुख नेताओं से बातचीत हो चुकी है। अनुमान यही लगाया जा रहा है कि जल्द ही कांग्रेस पार्टी के भीतर संगठनात्मक स्तर पर बदलाव देखे जाएंगे।