खुद को पीएमओ का बड़ा अधिकारी बताकर अनेक सरकारी विभागों एवं सुरक्षा एजेंसियों को धोखा देने वाले किरण पटेल जैसे फर्जी अधिकारियों की हमारे देश में कोई कमी नहीं हैं। बीते सालों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं।
Features
lekhaka-Rajkumar Pal

हाल
ही
में
गुजरात
से
ताल्लुक
रखने
वाले
किरण
पटेल
को
जम्मू-कश्मीर
पुलिस
ने
श्रीनगर
के
एक
पांच-सितारा
होटल
से
गिरफ्तार
किया।
वह
खुद
को
पीएमओ
(PMO)
में
अतिरिक्त
निदेशक
(रणनीति
और
अभियान)
बताकर
जेड
प्लस
सिक्योरिटी,
बुलेटप्रूफ
एसयूवी
का
मजा
ले
रहा
था।
इस
दौरान
उसने
जम्मू
और
कश्मीर
के
अधिकारियों
संग
कई
बार
बैठक
भी
की
थी।
वह
कई
दिनों
तक
सबको
झूठ
बोलकर
सुरक्षा
व्यवस्था
के
साथ
कश्मीर
में
घूमता
रहा,
लेकिन
नौकरशाहों
और
व्यापारियों
से
ठगी
करने
के
बाद
उसका
राज
खुल
गया।
ताज्जुब
की
बात
है
कि
ये
उसकी
तीसरी
यात्रा
थी।
यानि
दो
बार
वह
बिना
पकड़
में
आये
आसानी
से
मौज-मस्ती
कर
निकल
गया।
फिलहाल
किरण
को
15
दिन
की
न्यायिक
हिरासत
में
भेजा
गया
है।
बता
दें
कि
पिछले
कुछ
सालों
में
ऐसे
ही
मामले
कई
दफा
सामने
आ
चुके
हैं,
जिसमें
कोई
शख्स
फर्जी
अधिकारी
बन
कहीं
करोड़ों
की
ठगी
करता
है,
तो
कहीं
सरकारी
सुविधाओं
के
साथ
मौज
मस्ती।
चलिए,
हम
आपको
कुछ
ऐसे
ही
मामलों
के
बारे
में
बताते
हैं।
फर्जी
पीएमओ
अधिकारी
ने
डीएम
को
‘लपेटा’
जनवरी
में
सीबीआई
ने
आगरा
में
एक
ठग
के
खिलाफ
प्राथमिकी
दर्ज
की।
अंकित
कुमार
सिंह
नाम
का
वह
शख्स
खुद
को
बिहार
कैडर
के
1997
बैच
का
आईएएस
अधिकारी
दिनेश
राव
होने
का
दावा
कर
रहा
था।
वह
खुद
को
वाराणसी
जिले
की
देखभाल
करने
वाले
पीएमओ
सचिव
के
रूप
में
बताता
था।
इस
दौरान
उसने
आगरा
के
जिलाधिकारी
प्रभु
नारायण
सिंह
से
संपर्क
कर
अपने
निर्वाचन
क्षेत्र
के
लिए
समर्थन
भी
मांगा
था।
लेकिन,
इसकी
चोरी
तब
पकड़ी
गई
जब
पीएमओ
की
ओर
से
बताया
गया
कि
ऐसा
कोई
अधिकारी
उनका
उस
इलाके
में
है
ही
नहीं।
इन
फर्जी
अधिकारियों
ने
CBI
की
‘टेंशन
बढ़ाई’
इसी
तरह
सीबीआई
ने
साल
2022
के
जनवरी
महीने
में
पीएमओ
के
अधिकारी
बनकर
ठगी
करने
के
तीन
मामले
दर्ज
किये
थे।
जिसकी
जांच
जारी
है।
पहली
शिकायत
में
कहा
गया
है
कि
चंडीगढ़
में
पदस्थ
एक
वरिष्ठ
आईपीएस
अधिकारी
से
एक
शख्स
ने
संपर्क
किया
और
खुद
को
पीएमओ
में
पदस्थ
संयुक्त
सचिव
रोहित
यादव
बताया।
उसने
आईपीएस
अधिकारी
से
एक
पुलिस
कांस्टेबल
के
तबादले
का
आग्रह
किया।
शिकायत
के
अनुसार
यह
मामला
फर्जी
था,
क्योंकि
पीएमओ
से
ऐसा
कोई
फोन
नहीं
किया
गया
और
इस्तेमाल
किये
गये
फोन
का
नंबर
भी
अधिकारी
का
नहीं
है।
फर्जीवाड़े
के
दूसरे
केस
में
पीएमओ
में
पदस्थ
सहायक
निदेशक
पीके
इस्सर
ने
शिकायत
दर्ज
करवाई
थी।
इसमें
केरल
के
डॉ.
शिव
कुमार
नाम
के
शख्स
ने
खुद
को
पीएमओ
का
अधिकारी
बताते
हुए
अपने
मोबाइल
से
लोगों
को
फोन
किये।
वह
खुद
को
प्रधानमंत्री
का
निजी
सलाहकार
बताता
था।
उसने
एक
मामले
की
जांच
शुरू
करने
का
फर्जी
आदेश
जारी
कर
दिया
गया
था।
जबकि
तीसरी
एफआईआर
में
एक
शिकायतकर्ता
ने
कहा
है
कि
एक
शख्स
ने
खुद
को
पीएमओ
में
निजी
सहायक
बताते
हुए
उससे
तीन
लाख
रुपये
लेकर
रिजर्व
बैंक
में
सरकारी
नौकरी
लगवाने
का
झांसा
दिया।
इस
फर्जी
निजी
सहायक
ने
रविकांत
नाम
के
शिकायतकर्ता
से
25
हजार
रुपये
बतौर
एडवांस
ले
लिये
थे।
गृह
मंत्रालय
का
फर्जी
पीआरओ
पहुंचा
सलाखों
के
पीछे
अक्टूबर
2022
में
उत्तर
प्रदेश
में
आजमगढ़
की
पुलिस
ने
गृह
मंत्रालय
के
फर्जी
पीआरओ
को
गिरफ्तार
किया
था।
यह
फर्जी
पीआरओ
आजमगढ़
के
रोडवेज
के
पास
खड़ा
होकर
अधिकारियों
को
फोन
पर
दबाव
बनाकर
लोगों
से
काम
करवाने
के
बदले
में
पैसे
की
वसूली
करता
था।
इस
बात
की
सूचना
मिलने
पर
मौके
पर
पहुंची
पुलिस
ने
उससे
पूछताछ
शुरू
की
तो
रौब
दिखाने
लगा।
लेकिन,
जब
पुलिस
की
सख्ती
की
तो
आरोपी
ने
सारी
सच्चाई
बयां
कर
दी।
गृह
मंत्रालय
का
अधिकारी
बनकर
ठगे
70
लाख
7
अक्टूबर
2022
को
फरीदाबाद
पुलिस
ने
गृह
मंत्रालय
के
एक
फर्जी
अधिकारी
को
गिरफ्तार
किया
था।
शुभम
नाम
का
यह
शख्स
फेसबुक
पेज
पर
सरकारी
नौकरी
का
विज्ञापन
डालता
था
और
लोगों
के
संपर्क
करने
पर
उन्हें
गृह
मंत्रालय
की
अपनी
फर्जी
आईडी
और
टेस्ट
का
लिंक
गृह
मंत्रालय
की
फर्जी
ईमेल
से
भेजता
था।
साथ
ही
खुद
को
भी
एक
बड़ा
अधिकारी
बताता
था।
वहीं
लोगों
को
अपने
विश्वास
में
लेने
के
लिए
किराए
की
महंगी
गाड़ी
में
आकर
दिल्ली
के
कांस्टीट्यूशन
क्लब
के
बाहर
मिलता
और
पूर्व
में
भर्ती
करवाये
गये
लोगों
के
फर्जी
दस्तावेज
दिखाता
था।
इस
तरह
इसने
फरीदाबाद
के
रहने
वाले
मोहित
से
70
लाख
तक
की
ठगी
कर
ली।
फर्जी
आईएएस
को
चाहिए
यूपी
भवन
में
रुम!
सितंबर
2022
में
दिल्ली
पुलिस
ने
यूपी
भवन
के
118
नंबर
कमरे
से
एक
शख्स
को
गिरफ्तार
किया।
इसके
बाद
खुलासा
हुआ
कि
यह
एक
फर्जी
शख्स
है
जो
खुद
को
आईएएस
बताकर
गृह
मंत्रालय
में
अपनी
तैनाती
बताता
है।
बड़ी
बात
है
कि
इस
शख्स
ने
दिल्ली
के
यूपी
भवन
में
एक
रात
के
लिए
कमरा
बुक
करने
के
लिए
आईएएस
आकाश
कुमार
सिन्हा
बनकर
व्यवस्था
अधिकारी
यूपी
सदन
को
पत्र
भी
लिखा।
उस
खत
के
लेटर
पैड
पर
आईएएस
अधिकारी
की
तरह
मुहर
और
साइन
भी
कर
रखा
था।
फर्जी
महिला
आईपीएस
ने
पुलिसकर्मियों
को
हड़काया
2
फरवरी
2023
को
गुरुग्राम
पुलिस
ने
एक
फर्जी
महिला
आईपीएस
को
गिरफ्तार
किया।
जांच
के
दौरान
उसने
कहा
कि
वह
पुलिस
की
नौकरी
करना
चाहती
थी
लेकिन
यूपीएससी
(UPSC)
नहीं
निकाल
पायी।
तो
वह
फर्जी
आईपीएस
बन
गयी।
दरअसल,
पुलिस
के
मुताबिक
इस
महिला
पर
नोएडा
और
मेरठ
में
भी
मामले
दर्ज
हैं
और
वह
पहले
भी
जेल
जा
चुकी
है।
पुलिस
अधिकारियों
के
अनुसार
आरोपी
महिला
ने
खुद
को
आईपीएस
अफसर
बताते
हुए
मानेसर
के
आईटीसी
ग्रैंड
होटल
जाने
के
लिए
पायलट
गाड़ी
मांगी
थी।
इसके
बाद
एक
पुलिस
की
पायलट
गाड़ी
भेजी
गई।
वहीं,
पायलट
गाड़ी
लेकर
पहुंचे
पुलिस
कर्मियों
ने
उससे
आईडी
दिखाने
को
कहा
तो
वह
आना-कानी
करने
लगी।
अपना
नाम
बताने
से
कतराने
लगी
और
रौब
दिखाने
लगी।
इसके
बाद
उसे
गिरफ्तार
कर
लिया
गया।
English summary
Conmen Kiran Patel as PMO Officer, know the list of such fake people