Explainer: अमृतपाल सिंह की आनंदपुर खालसा फोर्स का मकसद क्या था, जिसके चलते पुलिस ने बनाया उसे दबोचने का प्लान

चंडीगढ़: खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे का मुखिया अमृतपाल सिंह पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पंजाब पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया है लेकिन अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है। अमृतपाल सिंह को लेकर खुफिया एजेंसी भी अलर्ट हैं। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, वारिस पंजाब दे का चीफ अमृतपाल सिंह आईएसआई एजेंट है जिसके खालिस्तान अलगाववादी आंदोलन के जरिए हिंसा फैलाने के लिए भारत भेजा गया है। इतना ही नहीं, अमृतपाल सिंह आनंदपुर खालसा फोर्स नाम से अपनी अलग सेना बनाने में जुटा था। जानिए क्या है आनंदपुर खालसा फोर्स और अमृतपाल सिंह के खतरनाक मंसूबे-

खुफिया एजेंसियों को क्या इनपुट मिले थे?

खुफिया एजेंसियों के अनुसार, अमृतपाल और उसके साथी दिल्ली में हमलों की साजिश रच रहे थे और कट्टरता को अंजाम दे रहे थे। इसके इनपुट मिलते ही पुलिस ने अमृतपाल को पकड़ने के लिए पूरे राज्य में सर्च ऑपरेशन चलाया था।

एक अंग्रेजी न्यूज पोर्टल से बातचीत में नाम न बताने की शर्त पर एक खुफिया जांच अधिकारी ने बताया, ‘अमृतपाल सिंह एक एनआरआई है जो दुबई में ट्रक ड्राइवर के रूप में कार्यरत है। वह एक आईएसआई एजेंट है जो यूएई में रहते हुए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में आया। उसे धर्म के नाम पर भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का अभियान दिया गया है। ऐसी डील थी कि आईएसआई पैसा खर्च करेगी और खालिस्तान के नाम पर सिखों को अपने साथ लाकर अमृतपाल पंजाब में अपनी बात रखेगा।’

दिल्ली में नेताओं पर हमले की थी प्लानिंग

इस अधिकारी ने यह भी बताया कि ब्रिटेन में रहने वाला कट्टरपंथी और अकाली दल (मान) का उपाध्यक्ष अवतार सिंह खांडा खालिस्तानी आतंकी जगतार सिंह तारा का करीबी है और अमृतपाल के मुख्य हैंडलर की तरह काम करता है।

यह भी सामने आया कि अमृतपाल सिंह और लखबीर सिंह रोडे समेत पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी नेता दिल्ली में मौजूद नेताओं पर हमला कर पंजाब में नफरत फैलाने की साजिश रच रहे थे। इसी इनपुट के आधार पर शनिवार की कार्रवाई हुई। गृहमंत्री अमित शाह ने भी पंजाब के सीएम भगवंत मान से 2 मार्च को बैठक के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की थी और अतिरिक्त बलों के रूप में हर संभव वादा का आश्वासन दिया था।

क्या है आनंदपुर खालसा फोर्स?

पुलिस और खुफिया अधिकारियों के अनुसार, अमृतपाल सिंह आनंदपुर खालसा फोर्स बना रहा था। इस सेना में मौजूद सदस्यों के पास खतरनाक हथियार भी थे। पुलिस को छानबीन में अमृतपाल के घर से कुछ जैकेट मिली हैं। ये जैकेट आनंदपुर खालसा फोर्स की हैं। पुलिस का कहना है कि अमृतपाल ने आनंदपुर खालसा फोर्स (एकेएफ) बनाने की तैयारी कर ली थी। उसके घर और साथियों से बरामद हथियारों पर भी एकेएफ लिखा मिला। पुलिस के हाथ लगे सबूत इस ओर इशारा कर रहे हैं कि अमृतपाल सिंह आनंदपुर खालसा फोर्स नाम से प्राइवेट आर्मी बना रहा था।

कैसे धर्म की आड़ में युवाओं को भड़काता था अमृतपाल?
खुफिया अधिकारी ने बताया, ‘पंजाब आने के बाद आईएसआई के कहने पर अमृतपाल सिंह ने अपना संगठन खड़ा करने के लिए अमृत संचार की मदद ली। बाद में उसने खालसा वहीर नाम से एक अभियान चलाया और गांवों में जाकर अपने संगठन को मजबूत किया। उसने पंजाब के मुद्दों को उभारा और सिखों को भारत सरकार के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया। धर्म की आड़ में लोगों से मनचाहा काम कराने में उसे सफलता मिली।’

सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि अमृतपाल सिंह सिख युवाओं को लाइन पर रखने के लिए धमकी भरे हथकंडे भी अपनाता था। पिछले साल दिसंबर महीने में जालंधर स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा मॉडल टाउन में उसके साथियों ने तोड़फोड़ आग लगा दी थी। वह अपने साथियों से हथियार रखने को कहता था। इसी सिलसिले में उसने आनंदपुर खालसा फोर्स भी बनाई थी। यह खतरनाक हथियारों से लैस एक सेना है जो हमेशा अमृतपाल सिंह के आसपास रहती है।

अब क्या होगा अमृतपाल सिंह का?

अब इस बात की संभावना बढ़ गई है कि अमृतपाल सिंह का केस एनआईए अपने हाथ में ले सकती है। नैशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी इस केस की जांच कर सकती है। पुलिस ने सर्च ऑपरेशन के बीच उसे भगोड़ा भी साबित कर दिया है।

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