
सेना के प्रमुख जनरल पांडे आज हिंसाग्रस्त मणिपुर का करेंगे दौरा।
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मणिपुर पिछले काफी दिनों से हिंसा की आग में सुलग रहा है। जातीय हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट, हत्या और न जाने क्या क्या। हालात भयावह हैं। इंटरनेट बंद है। उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए जा चुके हैं। हजारों लोग अपना घर-बार छोड़कर पड़ोसी राज्य असम में पलायन कर रहे हैं। राजधानी इम्फाल से दक्षिण में 63 किलोमीटर पर स्थित चुराचंदपुर जिला हिंसा का केंद्र बना हुआ है। केंद्र सरकार लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। बड़ी तादाद में आर्मी और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है। हालांकि, कई दिनों से राज्य की सरकार दिलासा दे रही है कि हालात में सुधार है, लेकिन अब भारतीय सेना इस बात की पुष्टि खुद करेगी।
भारतीय सेना के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि आज सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे मणिपुर का दौरा करेंगे। वह हालिया हिंसा के मद्देनजर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए मणिपुर जाएंगे। इसके अलावा, स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए किए गए उपायों के बारे में पूर्वी कमान के अधिकारी उन्हें जानकारी देंगे।
यह है हिंसा की वजह
ताजा हिंसा की दो प्रमुख वजहें हैं। एक है बहुसंख्यक मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का फैसला जिसका कुकी और नागा समुदाय विरोध कर रहे हैं। कुकी और नागा समुदाय को आजादी के बाद से ही आदिवासी का दर्जा मिला हुआ है। और दूसरी वजह है गवर्नमेंट लैंड सर्वे। बीजेपी की अगुआई वाली राज्य सरकार ने रिजर्व्ड फॉरेस्ट यानी आरक्षित वन क्षेत्र को आदिवासी ग्रामीणों से खाली कराने का अभियान चला रही है। कुकी समुदाय इसके विरोध में है।