वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा ने मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिए विशेष योजना बनाई है। पार्टी देश के 65 मुस्लिम बहुल जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय के 5000 ‘मोदी मित्र’ बनाएगी, जो अपने-अपने जिलों में मुसलमान मतदाताओं को पार्टी से जोड़ने का काम करेंगे। इनमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से 13-13 जिले और बिहार, असम और केरल के मुस्लिम बहुल जिले शामिल हैं। योजना की शुरुआत 25 अप्रैल से शुरू होगी जो एक साल तक चलेगी। पार्टी ने 15 मार्च से ही ‘सूफी संवाद महाअभियान’ की भी शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य सूफी समुदाय के लोगों को भाजपा से जोड़ना है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, पहले जिला स्तर और बाद में ब्लॉक स्तर पर बनाए जाने वाले इन ‘मोदी मित्र’ कार्यकर्ताओं के माध्यम से संबंधित क्षेत्रों के हर मुस्लिम मतदाता के घर तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी। लोगों को केंद्र सरकार के कार्यों और पीएम के संदेश को उन तक पहुंचाते हुए उन्हें भाजपा से जोड़ने की रणनीति अपनाई जाएगी।
इन मुस्लिम बहुल जिलों में उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से के कैराना, रामपुर, सहारनपुर, बरेली, नगीना, मुरादाबाद और मेरठ क्षेत्र शामिल हैं। इसी प्रकार पश्चिम बंगाल के बशीरहाट, कृष्णानगर, मुर्शिदाबाद, बहरामपुर, रायगंज, डायमंड हार्बर, जांगीरपुर शामिल हैं। केरल के वायनाड, कासरगोड़, कोट्टायम, मालापुरम और इडुकी जिले प्रमुख हैं। जम्मू-कश्मीर के पांच जिलों के साथ लद्दाख में भी भाजपा ने मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने की रणनीति अपनाई है।
मुस्लिम मतदाताओं तक पहुंचने की योजनाएं
भाजपा ने विभिन्न त्योहारों के माध्यम से भी मुस्लिम समुदाय के बीच अपनी पैठ बनाने का काम किया है। पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को केरल के मुस्लिम और ईसाई परिवारों के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने का निर्देश दिया है। भाजपा कार्यकर्ता मुस्लिम समुदाय के इलाकों में इस्लामिक त्योहारों पर पहुंच रहे हैं और उन्हें अपने घर भी आमंत्रित कर रहे हैं। पार्टी को लगता है कि इससे वह वामपंथी किला भेदने में कामयाब रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसके संकेत दे चुके हैं।
मुस्लिमों में बढ़ रहा मोदी के प्रति रुझान
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने अमर उजाला को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के कल्याणकारी विकास कार्यों के कारण समाज के सभी वर्गों में उनके प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। मुस्लिम समुदाय भी इससे अछूता नहीं है। यूपी के रामपुर जैसे मुस्लिम बहुल लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा को मिली जीत यह सुनिश्चित करती है कि मुस्लिम मतदाताओं में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के प्रति सोच में बदलाव आ रहा है।
उन्होंने कहा कि हम मुस्लिम मतदाताओं के बीच पहुंचकर उन्हें केंद्र सरकार की योजनाओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के संदेश उन तक पहुंचाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी स्वयं यह कह चुके हैं कि जो भाजपा को वोट न देता हो, उस मतदाता के घर भी पहुंचना है। वे इसकी कोशिश करेंगे कि इन जिलों के साथ-साथ पूरे देश में कोई घर उनकी पहुंच से दूर न रहे।
जमाल सिद्दीकी ने कहा कि हर मुस्लिम बहुल लोकसभा क्षेत्र में वे जिला और ब्लॉक स्तर पर कार्यकर्ता बनाएंगे। इनमें हर कार्यकर्ता से केवल दस वोट भाजपा से जोड़ने की उम्मीद की जाएगी। उन्होंने कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव में इसी तरह की कोशिश सफल रही थी। उन्हें उम्मीद है कि अगले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को मुसलमान मतदाताओं का समर्थन मिलेगा।
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