National Commission for Men: शादीशुदा पुरुषों की घरेलू हिंसा और आत्महत्या से रक्षा के लिए राष्ट्रीय पुरुष आयोग बनाने की मांग उठी ही। इस मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
India
oi-Ankur Singh

National
Commission
for
Men:
शादीशुदा
मर्दों
की
आत्महत्या
के
बढ़ते
मामलों
को
देखते
हुए
सुप्रीम
कोर्ट
में
एक
याचिका
दायर
की
गई
है
जिसमे
मांग
की
गई
है
कि
इस
मसले
पर
शोध
होना
चाहिए।
शादी
के
बाद
पुरुष
घरेलू
हिंसा
सहित
तमाम
मुद्दों
की
वजह
से
आत्महत्या
कर
लेते
हैं,
लिहाजा
इस
दिक्कत
को
गंभीरता
से
लेते
हुए
पुरुषों
के
लिए
राष्ट्रीय
कमीशन
का
गठन
किया
जाना
चाहिए,
जहां
पुरुषों
से
जुड़े
मसलों
को
हल
किया
जा
सके।
सुप्रीम
कोर्ट
में
एडवोकेट
महेश
कुमार
तिवारी
ने
यह
याचिका
दायर
की
है।
सुप्रीम
कोर्ट
में
दायर
याचिका
में
वकील
ने
अपील
की
है
कि
वह
केंद्र
सरकार
को
निर्देश
दिया
जाए
कि
वह
इस
मसले
को
लेकर
एक
गाइडलाइन
जारी
करे
और
घरेलू
हिंसा
का
शिकार
हो
रहे
लोगों
की
समस्या
का
समाधान
किया
जाए।
जो
पुरुष
शादी
के
बाद
घरेलू
दिक्कतों
से
जूझ
रहे
हैं,
उनके
दिक्कतों
को
इस
कमीशन
के
पास
भेजना
चाहिए
और
जल्द
से
जल्द
उसका
हल
होना
चाहिए।
जबतक
इस
कमीशन
का
गठन
नहीं
हो
जाता
है
तबतक
राज्य
मानवाधिकार
आयोग
के
पास
इस
तरह
के
मसलों
को
भेजा
जाना
चाहिए।
याचिका
में
कहा
गया
है
कि
लॉ
कमिशन
इंडिया
को
निर्देश
दिया
जाए
कि
वह
शादीशुदा
मर्दों
के
खिलाफ
बढ़ते
पारिवारिक
अफराध,
आत्महत्या
के
मामलों
पर
शोध
करें,
इसको
लेकर
एक
रिपोर्ट
तैयार
करें
और
नेशनल
कमीशन
फॉर
मेन
का
गठन
किया
जाए।
ताकि
इस
तरह
के
मसलों
से
जूझ
रहे
पुरुष
इस
कमीशन
के
पास
आ
सके।
याचिकाकर्ता
ने
कहा
कि
देश
में
शादी
के
बाद
पुरुषों
की
आत्महत्या
के
मामले
तेजी
से
बढ़
रहे
हैं।
हर
साल
8
लाख
शादीशुदा
पुरुष
आत्महत्या
करते
हैं,
यह
आंकड़ा
एनसीआरबी
का
है।
याचिकाकर्ता
के
अनुसार
1967
के
बाद
हर
एक
लाख
में
12
लोग
आत्महत्या
कर
लेते
हैं।
डब्ल्यूएचओ
के
आंकड़े
के
अनुसार
7
सितंबर
2021
के
तक
भारत
में
स्वास्थ्य
की
समस्या
काफी
बढ़ी
है।
पिछले
पांच
दशक
में
भारत
में
आत्महत्या
के
मामले
काफी
बढ़े
हैं।
20220
की
तुलना
में
2021
में
आत्महत्या
के
मामले
भारत
में
7.2
फीसदी
बढ़े
हैं
जोकि
दुनिया
में
सर्वाधिक
हैं।
English summary
Ple seeking to form National Commission for Men reaches to SC