New Parliament: ‘महान राष्ट्र के संवैधानिक मूल्यों का अपमान’, समारोह का बहिष्कार करने वाले दलों पर NDA का बयान

  • द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के खिलाफ विपक्ष का रुख उनका अपमान था। अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों का सीधा निरादर था।
  • बयान में विपक्षी दलों से नये संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया।
  • प्रह्लाद जोशी ने कही यह बात

    इससे पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के 19 विपक्षी दलों के फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया था। उन्होंने  सभी से अपने रुख पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्षी दल गैर-मुद्दे को मुद्दा बना रहे हैं, क्योंकि पूर्व में भी प्रधानमंत्रियों ने संसद भवन परिसर में इमारतों का उद्घाटन किया है।

    इन पार्टियों ने किया बहिष्कार

    कांग्रेस, द्रविड मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक), जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी (आप), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कांफ्रेंस, केरल कांग्रेस (मणि), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, विदुथलाई चिरुथिगल काट्ची (वीसीके), मारुमलार्ची द्रविड मुन्नेत्र कषगम (एमडीएमके), ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) और राष्ट्रीय लोकदल।

    ये पार्टियां शामिल होंगी

    समारोह में शामिल होने वाले राजनीतिक दल तेलुगु देशम पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, बीजू जनता दल और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी है। इन पार्टियों ने बुधवार को एलान किया है कि वह उद्घाटन के समय उपस्थित रहेंगे।

    आखिर क्यों हो रहा विरोध?

    दरअसल, 28 मई को दोपहर 12 बजे पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इस पर कांग्रेस नेताओं और कई अन्य विपक्षी नेताओं का मानना है कि पीएम की बजाय राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों ही होना चाहिए। मुर्मू द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा। इस बीच सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उद्घाटन के अवसर पर बधाई संदेश जारी कर सकते हैं।

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