Noida Covid News: नोएडा-ग्रेनो में Covid के 12 एक्टिव केस, हाई अलर्ट, सैंपल की फिर शुरू होगी जीनोम सीक्वेंसिंग

नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में कोविड (Noida covid news) को लेकर फिर से सतर्कता बढ़ा दी गई है। आसपास के जिलों में वायरस के मामले सामने आने पर सीएमओ ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की गई है। उप जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. अमित कुमार शर्मा ने बताया कि नोएडा-ग्रेनो में अभी तक 12 एक्टिव केस (noida active covid cases) हैं।

इनमें 6 मामले गुरुवार के हैं। हालांकि इनमें कोई भी मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं है। सभी होम आइसोलेशन में है और इनकी निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि सभी मरीजों ने जांच निजी लैब में कराई है। कोविड के वेरिएंट का पता लगाने के लिए इन सबके सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लखनऊ भेजे जाएंगे।

सीएमओ ने निर्देश दिए हैं कि कोविड को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां पहले से हैं। नए मामले आने पर फिर से सभी स्वास्थ्य केंद्रों और चिकित्सकों को सतर्क कर दिया है। सैंपलिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ा दी गई है। निजी लैब को निर्देश हैं कि वह कोरोना पॉजिटिव मामला आने पर उसका सैंपल स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराए ताकि उन्हें जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा सके। सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ओपीडी में आने वाले सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (सारी) और इन्फ्लूएंजा लाइक ईलनेस (आईएलआई) के लक्षण वाले रोगियों की जांच करें।

ब्लॉक स्तर पर आरआरटी (रेपिड रेस्पॉन्स टीम) सक्रिय कर दी गई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अपील की है कि लोग कोविड प्रोटोकॉल का अच्छी तरह पालन करें। यानी मास्क लगाएं, भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें, हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं और सैनिटाइज करें।

उप जिला सर्विलांस अधिकारी ने कहा कि कोविड को लेकर सर्विलांस सिस्टम को मजबूत किया जा रहा है। टेस्टिंग, ट्रेसिंग बढ़ाई जा रही है। ट्रीटमेंट की व्यवस्था मजबूत कर रहे हैं। स्वास्थ्य केंद्रों पर हेल्प डेस्क बनाई जा रही है। लक्षण नजर आने पर घबराएं नहीं जांच कराएं। जरूरत होने पर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें।

क्या है जीनोम सीक्वेंसिंग

डॉ. अमित ने बताया कि इस टेस्ट से यह पता लगाया जाता है कि लोग वायरस के किस वेरिएंट से संक्रमित हो रहे हैं। इससे वायरस से संबंधित सभी जानकारी उसके वेरिएंट, सब वेरिएंट और प्रकृति का पता लगाया जाता है।

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