राहुल ने कहा कि फिर मेरी स्पीच को बाहर कर दिया गया। मैंने स्पीकर को डीटेल चिट्ठी लिखी कि मैंने कहा कि एयरपोर्ट रूल बदलकर अडानी जी को दिए गए। कोई फर्क नहीं पड़ा। मेरे बारे में मंत्रियों ने संसद में झूठ बोला। उन्होंने कहा कि मैंने विदेशी ताकतों से मदद मांगी, मैंने ऐसी कोई बात नहीं की है। मैंने स्पीकर से कहा कि सर, संसद का नियम है कि अगर किसी मेंबर पर आरोप लगाता है तो मेंबर को जवाब देने का हक होता है। मैंने एक चिट्ठी लिखी उसका जवाब नहीं आया, दूसरी चिट्ठी लिखी उसका जवाब नहीं आया। स्पीकर के चेंबर में गया और कहा कि सर कानून है मुझे बोलने क्यों नहीं दे रहे हैं। स्पीकर सर ने मुस्कुराकर कहा कि मैं नहीं कर सकता। कांग्रेस के पूर्व सांसद ने कहा कि उसके बाद क्या हुआ, आप सबने देखा। सवाल पूछना मैं बंद नहीं करूंगा।
राहुल ने कहा कि मोदी जी का अडानी के साथ क्या रिश्ता है और 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं, मैं पूछता रहूंगा। मुझे कोई डर नहीं लगता इन लोगों से। और अगर ये सोचें कि मुझे अयोग्य घोषित करके, डरा-धमकाकर, जेल में बंद करके मुझे रोक सकते हैं। नहीं… मेरी वो हिस्ट्री नहीं है। मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ता रहूंगा। वायनाड से पूर्व सांसद ने कहा कि किसी चीज से नहीं डरता, ये सच्चाई है।
48 घंटे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए काफी कुछ बदल चुका है। वह अब पूर्व सांसद हो गए हैं। ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में उन्हें सूरत कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई और उनकी लोकसभा सदस्यता चली गई। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि मैं भारत की आवाज़ के लिए लड़ रहा हूं। मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं। आज अपनी सदस्यता छिनने के बाद उन्होंने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राहुल के साथ भूपेश बघेल और अशोक गहलोत भी मंच पर मौजूद रहे। इसे BJP के OBC अपमान के आरोप का जवाब देने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।