जापानी बहुराष्ट्रीय निवेश कंपनी सॉफ्टबैंक एक बार फिर से भारत के स्टार्टअप में बड़ा निवेश करने का प्लान कर रही है।
Features
lekhaka-Rajkumar Pal

जापान
का
प्रमुख
निवेश
बैंक
‘सॉफ्टबैंक’
$400
और
$500
मिलियन
के
बीच
के
वैल्यूएशन
वाले
पांच
ऐसे
भारतीय
स्टार्टअप
के
साथ
बातचीत
कर
रहा
है,
जहां
वह
प्रत्येक
स्टार्टअप
में
कम
से
कम
$100
मिलियन
का
निवेश
कर
सके।
इससे
उन
स्टार्टअप
को
यूनिकॉर्न
बनने
में
मदद
मिलेगी।
मनी
कंट्रोल
की
खबर
के
मुताबिक
सॉफ्टबैंक
उन
यूनिकॉर्न
में
भी
अवसर
तलाश
रही
है,
जिन्होंने
किसी
कारणवश
अपने
आईपीओ
लाने
की
योजना
टाल
दी
है।
अगर
उसके
मौजूदा
निवेशक
अपनी
हिस्सेदारी
बेचना
चाहते
है
तो
सॉफ्टबैंक
उन
कंपनियों
में
$100
मिलियन
या
उससे
अधिक
के
निवेश
पर
भी
विचार
कर
सकती
है।
गौर
करने
वाली
बात
यह
है
कि
सॉफ्टबैंक
का
किन
पांच
कंपनियों
से
बात
चल
रही
है,
इसका
खुलासा
नहीं
हुआ
है
लेकिन
खबरों
के
अनुसार
बिजनेस-टू-कंज्यूमर
(B2C)
उद्यमों
और
मीडिया
क्षेत्रों
में
निवेश
करना
चाहता
है।
$23
बिलियन
का
हो
चुका
है
घाटा
ब्लूमबर्ग
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
साल
2022
की
पहली
तिमाही
(अप्रैल-जून)
के
बीच
में
सॉफ्टबैंक
ग्रुप
कॉर्प
ने
3.16
ट्रिलियन
येन
($23.4
बिलियन)
का
शुद्ध
घाटा
दर्ज
किया
था।
क्योंकि
वैश्विक
तकनीकी
शेयरों
में
बिकवाली
(शेयर
या
हिस्सेदारी
बेचने
की
प्रक्रिया)
ने
अपने
विजन
फंड
के
निवेश
पोर्टफोलियो
को
नुकसान
पहुंचाना
जारी
रखा।
अब
सवाल
यह
है
कि
एक
साल
पहले
जिस
कंपनी
को
वैश्विक
स्तर
पर
$23
बिलियन
का
नुकसान
हुआ
हो,
वह
कंपनी
भारत
के
स्टार्टअप
पर
इतनी
मेहरबान
क्यों
है?
और
क्या
इससे
पहले
भी
इसने
भारतीय
स्टार्टअप
कंपनियों
या
बाजारों
में
इंवेस्ट
कर
रखा
है?
क्या
है
सॉफ्टबैंक?
सॉफ्टबैंक
कॉर्पोरेशन
जापान
की
बड़ी
टेलीकॉम
और
इंटरनेट
कंपनियों
में
से
एक
है।
जो
ब्रॉडबैंड,
फिक्स्ड
लाइन
टेलीकॉम,
ई-कॉमर्स,
वित्त,
मीडिया
और
मार्केटिंग
के
क्षेत्र
में
अपनी
सेवाएं
दे
रही
हैं।
फिलहाल
मई
2023
में
सॉफ्टबैंक
का
मार्केट
कैप
$58.40
बिलियन
है।
यह
सॉफ्टबैंक
कंपनी
भारत
समेत
दुनियाभर
के
देशों
में
कई
तरह
की
कंपनियों
और
स्टार्टअप
में
अपने
पैसे
निवेश
करती
हैं।
यह
जापानी
बहुराष्ट्रीय
निवेश
होल्डिंग
कंपनी
है।
जिसका
मुख्यालय
मिनाटो,
टोक्यो
में
है
जो
निवेश
प्रबंधन
पर
केंद्रित
है।
इस
कंपनी
के
मालिक
मासायोशी
सोन
है।
सॉफ्टबैंक
का
भारत
में
कितना
निवेश?
सॉफ्टबैंक
ने
साल
2011
में
वैश्विक
मोबाइल
विज्ञापन
प्लेटफॉर्म
‘इनमोबी’
में
$200
मिलियन
का
निवेश
करके
भारतीय
बाजार
में
प्रवेश
किया
था
और
तब
से
इसने
पीछे
मुड़कर
नहीं
देखा।
इसके
बाद
इसने
कई
फर्मों
में
निवेश
किया
है।
बिजनेस
स्टैंडर्ड
की
रिपोर्ट
की
मानें
तो
साल
2022
में
सॉफ्टबैंक
ने
भारत
में
बड़ा
निवेश
किया
था।
बैंक
ने
तकरीबन
$500
मिलियन
का
निवेश
मुख्य
रूप
से
सॉफ्टवेयर
सर्विसेज
में
किया
था।
जिसके
बाद
कंपनी
का
भारत
में
कुल
निवेश
$15
बिलियन
तक
पहुंच
गया
था।
हालांकि,
बाद
में
$7
बिलियन
के
निवेश
को
निकाल
भी
लिया
था।
कब
और
कितने
स्टार्टअप
में
सॉफ्टबैंक
का
निवेश?
ओला
–
सॉफ्टबैंक
ने
भारत
की
अग्रणी
कैब
कंपनी
ओला
में
अक्टूबर
2014
में
$210
मिलियन
का
निवेश
किया
था।
ओला
इलेक्ट्रिक
–
भारत
का
पहला
मल्टीमॉडल
इलेक्ट्रिक
वाहन
उपक्रम
ओला
इलेक्ट्रिक
ने
सॉफ्टबैंक
ग्रुप
से
जनवरी
2022
में
$250
मिलियन
की
सब्सिडी
जुटाई
थी।
ऑटोमेशन
एनीवेयर
–
अमेरिका
और
भारत
में
स्थित
रोबोटिक
प्रोसेस
ऑटोमेशन
(RPA)
स्टार्टअप
‘ऑटोमेशन
एनीवेयर’
में
सॉफ्टबैंक
द्वारा
साल
2022
में
$300
मिलियन
लगाए
गये
थे।
पेटीएम
–
यह
भारत
में
सबसे
बड़े
डिजिटल
भुगतान
प्लेटफार्मों
में
से
एक
है।
रॉयटर्स
के
मुताबिक
साल
2021
तक
सॉफ्टबैंक
तकरीबन
$1.6
बिलियन
का
निवेश
कर
चुका
है।
यह
सॉफ्टबैंक
द्वारा
भारत
के
किसी
स्टार्टअप
में
सबसे
बड़ा
निवेश
है।
डेल्हीवेरी
–
मार्च
2019
में
सॉफ्टबैंक
ने
डेल्हीवेरी
में
$350
मिलियन
का
निवेश
किया
था।
जिसके
बाद
उसका
मूल्यांकन
$1.6
बिलियन
हो
गया।
ग्रोफर्स
–
भारत
की
ऑनलाइन
ग्रोसरी
डिलिवरी
सर्विस
ने
सॉफ्टबैंक
से
अलग-अलग
फेज
में
2015
से
2020
तक
तकरीबन
$61.6
मिलियन
जुटाये
थे।
फर्स्टक्राई
–
पुणे
स्थित
ऑनलाइन
शिशु
उत्पादों
के
लिए
मशहूर
ई-कॉमर्स
कंपनी,
जिसके
पूरे
भारत
380
से
ज्यादा
स्टोर्स
हैं।
उसमें
सॉफ्टबैंक
ने
तकरीबन
$395.7
मिलियन
निवेश
किया
है।
पॉलिसी
बाजार
–
साल
2021
तक
सॉफ्टबैंक
ने
पॉलिसी
बाजार
में
लगभग
$252
मिलियन
का
निवेश
किया
था।
स्नैपडील
–
ई
कॉमर्स
प्लेटफॉर्म
स्नैपडील
में
सॉफ्टबैंक
के
द्वारा
साल
2014
में
तकरीबन
$650
मिलियन
निवेश
किया
गया
था।
ओयो
–
ब्लूमबर्ग
की
एक
रिपोर्ट
के
मुताबिक,
सॉफ्टबैंक
होटल
बुकिंग
फर्म
OYO
की
सबसे
बड़ी
निवेशक
है।
ओयो
होटल्स
में
सॉफ्टबैंक
की
हिस्सेदारी
45
प्रतिशत
है।
फ्लिपकार्ट
–
सॉफ्टबैंक
ने
अगस्त
2017
में
फ्लिपकार्ट
में
$1,400
मिलियन
का
निवेश
किया
था।
लेन्सकार्ट
–
साल
2019
तक
सॉफ्टबैंक
ने
लेन्सकार्ट
सॉल्यूशंस
में
$275
मिलियन
का
निवेश
किया
था।
मिशो
–
साल
2021
तक
मिशो
कंपनी
में
सॉफ्टबैंक
ने
तकरीबन
$645
मिलियन
का
निवेश
किया
था।
स्विगी
–
साल
2021
तक
सॉफ्टबैंक
कॉर्प
के
द्वारा
फूड
डिलिवरी
सर्विस
की
कंपनी
में
$451
मिलियन
का
निवेश
किया
था।
भारतीय
कंपनियों
को
बनाया
अंतरराष्ट्रीय?
सॉफ्टबैंक
भारत
के
जिन
फर्मों
में
इंवेस्ट
करता
है
उसे
अंतरराष्ट्रीय
बाजारों
में
उतरने
के
लिए
भी
प्रोत्साहित
और
साथ
फंड
जुटाने
में
भी
मदद
करता
है।
अपनी
भारतीय
पोर्टफोलियो
कंपनियों
में
ओयो
का
विस्तार
चीन,
यूरोप
और
अमेरिका
तक
करने
में
सॉफ्टबैंक
की
भूमिका
अहम
है।
वहीं
पेटीएम
ने
जापान
और
कनाडा
में
प्रवेश
कर
लिया
है,
जबकि
बेबी
प्रोडक्ट्स
रिटेलर
फर्स्टक्राई
ने
संयुक्त
अरब
अमीरात
में
प्रवेश
कर
लिया
है।
सॉफ्टबैंक
के
लिए
बड़ा
बाजार
है
भारत
सॉफ्टबैंक
के
लिए
भारत,
अमेरिका
और
चीन
के
बाद
तीसरा
सबसे
बड़ा
बाजार
है।
इसका
अंदाजा
इसी
बात
से
लगाया
जा
सकता
है
कि
कंपनी
के
शीर्ष
प्रबंधन
ने
साल
2020
शुरुआती
महीनों
में
भारत
का
दौरा
किया
था।
उस
टीम
में
सॉफ्टबैंक
के
मालिक
मसायोशी
सोन
के
अलावा
सॉफ्टबैंक
विजन
फंड
के
मैनेजिंग
पार्टनर
ग्रेग
मून,
सीओओ
एवं
सीएफओ
नवनीत
गोविल
और
बोर्ड
के
निदेशक
शामिल
थे।
‘स्टार्टअप
कहिये
या
रोजगार
का
साधन…’
चर्चा
में
है
पत्रकार
पोहावाला,
आखिर
क्यों
लिया
ये
फैसला?
भारत
में
सॉफ्टबैंक
द्वारा
किया
गया
अधिकांश
निवेश
पर
फायदा
हुआ
है।
उदाहरण
के
लिए
उसने
$1
बिलियन
के
मूल्यांकन
पर
ओला
इलेक्ट्रिक
में
निवेश
किया
था,
इस
निवेश
के
साथ
कंपनी
की
वैल्यू
बढ़कर
$6
बिलियन
हो
गयी
थी।
इसी
तरह
मीशो
के
$1.2
बिलियन
के
मूल्यांकन
पर
कंपनी
ने
निवेश
किया
था
और
उसके
बाद
कंपनी
ने
तेजी
से
ग्रोथ
किया
और
उसका
मूल्यांकन
$4.9
बिलियन
हो
गया।
21
भारतीय
यूनिकॉर्न
में
सॉफ्टबैंक
का
निवेश
मनी
कंट्रोल
की
दिसंबर
2022
में
छपी
एक
रिपोर्ट
के
मुताबिक
सॉफ्टबैंक
ने
भारत
के
तकरीबन
21
यूनिकॉर्न
में
धन
निवेश
किया
था।
साल
2017
से
लेकर
2022
तक
में
भारतीय
कंपनियों
के
साथ
42
डील्स
की
थी।
English summary
There was a loss of 23 billion dollars, but Softbank will continue to invest in Indian startups